- दंतेवाड़ा के अंतिम छोर पर बसे गढ़दापारा के स्कूल के लिए पक्का भवन बनाने की वर्षों से हो रही मांग
- ध्यान नहीं दे रहा प्रशासन, अब शिक्षक-अभिभावकों को शिक्षामंत्री से उम्मीद
दंतेवाड़ा/नवप्रदेश। यूं तो दंतेवाड़ा (dantewada school) में शिक्षा के क्षेत्र में नित नई पहल की जा रही हैं। लेकिन जिले में आज भी मिट्टी के बने भवनों (mud house) मे संचालित हो रहे स्कूल आपको नजर आ जाएंगे।
एसा ही एक स्कूल गीदम विकासखंड के भटपाल पंचायत में गढ़दापारा का है। यह दंतेवाड़ा जिले के अंतिम छोर पर स्थित है। इस प्राथमिक शाला के लिए अब तक एक पक्का भवन तक नहीं बनाया जा सका है।
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स्कूल के शिक्षकों द्वारा प्रशासन तक पक्के भवन की मांग कई बार पहुंचाए जाने के बावजूद भी अब तक ध्यान नहीं दिया गया। वर्षों से पक्के भवन की मांग की जा रही है।
लिहाजा अब शिक्षक व अभिभावाक शिक्षामंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि वे ही कुछ कर पाएंगे। दंतेवाड़ा (dantewada school) के इस स्कूल में 20 बच्चे पढ़ते हैं। बारसूर के हितामेटा, भटपाल जैसे इलाकों में सुविधाओं के अभाव का एक बड़ा कारण यहां प्रशासन की ढीली पकड़ को भी बताया जाता है।
शिक्षकों ने अपनी तनख्वाह से बनाई मिट्टी की झोपड़ी
स्कूल के शिक्षक हेमलाल ठाकुर ने बताया कि लंबे समय से पक्के भवन की मांग की जा रही है। उच्च अधिकारियों को भी कई बार लिखित ज्ञापन दिया गया। जब शासन-प्रशासन ने भवन की मांग पर ध्यान नहीं दिया तो हमने ही अपनी तनख्वाह से मिट्टी की कच्ची झोपड़ी (mud house) बनवा दी ।
क्षेत्र तक पहुंचने कोई सड़क नहीं
गौरतलब है कि भटपाल दंतेवाड़ा जिले का नक्सलप्रभावित इलाका होने के साथ ही जिला मुख्यालय से यह काफी दूरी पर बसा हुआ है।
यहां पहुंचने के लिए पहाडिय़ों के रास्ते से सिर्फ ट्रैक्टर के सहारे जाया जा सकता है। यहां पहुंचने के लिए अब तक कोई सड़क भी नहीं बनाई जा सकी है। यह गांव चित्रकूट सड़क से 22 किलोमीटर दूर अंदर स्थित है।