रवि कुमार दुर्गा/ किरंदुल। दंतेवाड़ा (dantewada) जिले में 35 किमी लंबा पथरीला रास्ता (rocky way) तय करने के बाद एक गर्भवती महिला (pregnant woman) को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। जिसके बाद उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म (give birth) दिया। अब जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। महिला ने इतना लंबा सफर प्रसव के लिए नहीं बल्कि आधार (aadhar card) बनवाने के लिए तय किया था।
वाकया दंतेवाड़ा (dantewada) जिले का है। महिला का नाम देवे है और वह बेंगपाल की रहने वाली है। गर्भवती (pregnant woman) होने के बाद भी शुक्रवार को वह आधार कार्ड (aadhar card) बनवाने अपने गांव से 35 किमी दूर पथरीले व पहाड़ी रास्तों (rocky way) से पैदल चलकर लौह नगर किरंदुल पहुंची। महिला ने रात्रि विश्राम किरंदुल के ही बंगाली कैंप मंगल भवन में किया।
शनिवार की सुबह उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई और करीब 8 बजे महिला ने मंगल भवन में ही बच्चे को जन्म (give birth) दे दिया। सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम और ग्राम सचिव सुनील भास्कर मौके पर पहुंचे व महिला को तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
बगैर परिचयपत्र के जीवन, कलेक्टर ने ली सुध
आजादी के बाद से जिले के अति दुर्गम इलाकों के ये लोग परिचय पत्र के बिना ही जीवन जी रहे थे। वर्तमान कलेक्टर दंतेवाड़ा दीपक सोनी को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने इस ओर गंभीरता दिखाई।
कलेक्टर ने एसडीएम बड़े बचेली प्रकाश भारद्वाज और तहसीलदार पुष्पराज पात्र से बात कर टीम बना कर किरंदुल में आदिवासी ग्रामीणों के लिए अधार कार्ड बनवाने कैम्प आयोजित किया। और अब ग्रामीणों का आधार कार्ड बनवाया जा रहा है।