मुंबई। cyclone tauktae: ताउते चक्रवात से ओएनजीसी के 14 कर्मचारी की मौत हो गई। हालांकि बजरा डूबने के बाद लापता हुए 89 लोगों में से 14 के शव मिल गए हैं। चक्रवात ताउते का अब तक का यह सबसे बड़ा हादसा है। अब बाकी 75 लोगों की तलाश नेवी ने तेज कर दी है।
नौसेना द्वारा बचाए गए 184 लोग अभी-अभी मुंबई के तटों पर पहुंचे हैं। उन्होंने समुद्र में फंसे मौत का सामना किया, 11 घंटे तक लाइफ जैकेट में समुद्र में तैर रहे थे। नौसेना ने बचाव अभियान के दौरान इन सभी को बचा लिया।
ओएनजीसी के ठेकेदार बार्ज पी305 चक्रवात ताउते के दौरान हीरा ऑयल फील्ड के पास चक्रवात ताउते (cyclone tauktae) के पास डूब गए। इनमें से 184 को रेस्क्यू कर लिया गया है। कैप्टन सचिन सिकेरिया ने कहा, हम अभी आईएनएस कोच्चि से 125 लोगों को लाए हैं। समुद्र में स्थिति अब साफ हो रही है। कुछ की तलाश अभी जारी है। हमने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। यह तब हमारे संज्ञान में आया था।
कुछ ही देर बाद समुद्र में 14 मजदूरों के शव मिले। यह हृदय विदारक घटना है। कहा जाता है कि बजरा पी305 पर कुल 276 कर्मचारी थे। उम्मीद है कि बचे हुए मजदूर लाइफ जैकेट के सहारे सुरक्षित होंगे।
नौसेना ने उम्मीद नहीं छोड़ी है…
नौसेना ने अरब सागर में अपनी पूरी ताकत झोक दी है। बड़े युद्धपोतों के साथ आईएनएस तेज, आईएनएस बेतवा, आईएनएस-20 जैसे युद्धपोतों और विमानों को तलाशी के लिए लगाया गया है। 89 कर्मचारी अभी भी लापता हैं और उनकी तलाश की जा रही है। अब बचे लोगों के पास लाइफ जैकेट थी। नौसेना को उम्मीद है कि इन लापता लोगों के पास लाइफ जैकेट भी होगी। अगर ये कर्मचारी तैर रहे हैं तो उनको बचाएगा। नतीजतन, नौसेना ने उम्मीद नहीं छोड़ी है।