अल्टीमेटम के बाद कर रहे है बत्ती गुल, लोग परेशान
रायपुर/नवप्रदेश। CSPDCL Action : अब बिजली कंपनी ने वर्षों से सरकारी विभागों पर करोड़ों रुपये बकाया बिजली बिल की वसूली के लिए नया तरीका अपनाया है। कंपनी की इस नई तकनीक में कई जगह बिजली कनेक्शन काटा गया। यहां तक कि सड़कों के किनारे लगी स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन भी काट दिया गया और सड़कों पर अंधेरा कर दिया गया, जिससे लोग परेशान दिखे।
बकाया वसूलने स्ट्रीट लाइट की बिजली कट
पिछले एक हफ्ते के भीतर बिजली महकमे ने नगरीय निकायों और सरकारी हाउसिंग संस्थाओं से बिजली का बकाया वसूलने के लिए स्ट्रीट लाइट की बिजली काट दी है। राजधानी में सेजबहार से खिलौरा तक तीन बड़ी कॉलोनियों की सड़कें पिछले चार दिन से अंधेरे में डूबी हैं। एक ओर जहां सरकारी एजेंसियों के बिल वर्षों से लंबित हैं, वहीं दूसरी ओर शहरी निकायों का 345 करोड़ रुपये सहित पीडब्ल्यूडी और अन्य सरकारी विभागों का 451 करोड़ रुपये बकाया है।
बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई, रायगढ़, अंबिकापुर समेत प्रदेश के सभी प्रमुख और छोटे शहरों के किसी न किसी हिस्से में स्ट्रीट लाइट काटी जा चुकी है या तो उस संस्थान की बत्ती गुल कर दी। इस सबके बीच कंपनियों या संस्थानों ने दबाव तो जरूर बनाया लेकिन बिजली कंपनी ने बिना बिल चुकाए लाइन जोडऩे को तैयार नहीं हुआ।
आपको बता दें कि बिजली कंपनी का राज्य के नगरीय निकायों पर ही करीब 345 करोड़ रुपए का बकाया है। पुलिस, पीडब्ल्यूडी, रेलवे, वन, स्कूल शिक्षा, जल संसाधन, कृषि, विभिन्न शासकीय आवासीय कॉलोनियों, क्लब सहित अन्य सरकारी विभागों और निजी उपभोक्ता पर 800 करोड़ से ज्यादा का बकाया है।
कुछ सरकारी विभागों को दी गई रियायतें
अन्य सरकारी विभागों (CSPDCL Action) की बिजली काटने से सरकारी कामकाज अटकेगा, इसलिए कंपनी ने उनको छोड़ दिया और निकायों में स्ट्रीट लाइटें काटकर रात में आम लोगों की सुरक्षा खतरे में डाल दी है। प्रदेश के कई शहरों में सड़कों पर अंधेरा परसा था। अंबिकापुर निगम क्षेत्र में छह जगह स्ट्रीट लाइट काटी गई है। वहां साढ़े 6 करोड़ का बिल बकाया है। अंबिकापुर के साथ रामानुजगंज, कुसमी, बलरामपुर, राजपुर व सूरजपुर जिले के भटगांव नगर पंचायत में भी स्ट्रीट लाइट के कनेक्शन काट दिए गए हैं। माना कैंप के नगर पंचायत की भी लाइन तीन-चार दिन पहले काट दी गई थी। आनन-फानन में बिल चुकाने पर लाइन को जोड़ दिया गया।
कंपनी ने धमतरी नगर निगम पर 30 लाख रुपए का बकाया वसूलने के लिए यहां की अधिकांश स्ट्रीट लाइट के कनेक्शन काट दिए हैं। इससे कस्बे ही नहीं, बीच से गुजर रहा नेशनल हाईवे भी अंधेरे में है। बलौदाबाजार-भाटापारा और गरियाबंद जिले के शासकीय कार्यालयों के बिजली कनेक्शन काट दिए गए हैं। बलौदाबाजार संभाग के नगर पालिका, जिला शिक्षा कार्यालय, लवन रेस्ट हाउस, बीओ दफ्तर, ग्राम पंचायत सहित 32 शासकीय विभागों पर 9.17 करोड़ का बकाया है। इसकी वसूली के लिए कंपनी ने शासकीय विभागों एक माह पहले नोटिस भेजा था।
बकाया राशि नहीं मिलने के बाद कंपनी ने यहां स्ट्रीट लाइटों और विभागों के कनेक्शन काटने शुरू कर दिए हैं। बिलासपुर नगर निगम की स्ट्रीट लाइट के 69 लाख रुपये बिल बकाया होने के कारण कंपनी ने शहर के 8 स्थानों विद्यानगर, मैग्नेटो माल के सामने, वैशाली नगर, पुराना बस स्टैंड, गवर्नमेंट स्कूल के सामने, अन्नपूर्णा कॉलोनी तथा दो अन्य हाउसिंग कॉलोनियों की स्ट्रीट लाइटें काट दी हैं। हालांकि कलेक्टर, निगम कमिश्नर के दबाव में वहां कुछ जगह कनेक्शन जोड़े गए हैं।
खरोरा पंचायत का 1.4 करोड़ का बिजली बिल बकाया
राजधानी से लगे भाटापारा जिले के भाटापारा ब्लाक में स्ट्रीट लाइट, जलप्रदाय व अन्य कनेक्शनों का लगभग 5 करोड़ रुपए बकाया है। इसके लिए कई जगह कनेक्शन काट दिए गए हैं। नगर पंचायत खरोरा के 1.4 करोड़ बिजली बिल बकाया होने के बाद यहां कनेक्शन काटने से खरोरा के 15 वार्डों की गलियों और मुख्य सड़कों पर अंधेरा छाया हुआ है।
आम लोगों से इस तरह वसूला बकाया
सरकारी विभागों के करोड़ों बकाया पर कई-कई साल ध्यान नहीं देने वाली बिजली कंपनी आम लोगों के बकाया पर तीन माह की ही मोहलत दे रही है। इसके बाद बिजली काटी जा रही है। दिवाली से पहले प्रदेश के करीब 53 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से 7 लाख लोगों का बिल बकाया था। त्योहार के तुरंत बाद पूरे प्रदेश में इनकी बिजली काटकर बिल वसूले गए हैं। बिजली कंपनी के मुताबिक आम लोगों से ही 456 करोड़ रुपए लेने थे, इसलिए लाइन काटना जरूरी हो गया था। यही नहीं, बकाए की समय सीमा का पालन भी जरूरी है।
जांजगीर चाम्पा में बकाया 2 सौ करोड़ से अधिक बकाया
जांजगीर चाम्पा के बिजली विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के सरकारी और निजी उपभोक्ताओं के बीजली बिल का बकाया 242 करोड़ 92 लाख 16 हजार 415 रुपए पहुंच गया है। जिसमें से सरकारी विभागों के 83 करोड़ 12 लाख 13 हजार 304 रूपए का बकाया है। वहीं उद्योगों और घरेलू उपभोक्ताओं का भी 159 करोड़ 80 लाख 3 हजार 111 रूपए बकाया है। जिनसे बिल वसूलने विभागीय अधिकारी कर्मचारी दिनरात पसीना बहा रहे हैं। मगर फिर भी टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा है। इस वजह से अब लाइट काटने का काम किया जा रहा है।
इन विभागों से बिल वसूली में छूट रहा पसीना
चेतावनी के बाद कुछ उपभोक्ताओं ने बिल जमा भी करवा दिया है। सीएसपीडीसील अधीक्षण यंत्री बीएल जैन ने बताया कि अब तक 7000 ऐसे उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काटे गये हैं जिनसे लगभग 18 करोड़ 64 लाख 82 हजार की रिकवरी की जानी थी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी विभागों से वसूली में दिक्कत आ रही है। जिसकी वजह से उन्हें अल्टीमेटम दिया गया है। फिर भी बिजली बिल नहीं जमा हुआ तो विभागों के कनेक्शन काट दिए जाएंगे। अधीक्षण यंत्री ने बताया कि जिले के 7692 उपभोक्ताओं से लगभग 5 करोड़ 42 लाख 94 हजार रुपए की रिकवरी ही अब तक की गई है।
बिल पेंडिंग जगहों पर लिया एक्शन
छत्तीसगढ़ पावर कंपनीज (CSPDCL Action) के चेयरमैन अंकित आनंद का कहना है कि काफी दिनों से बिल पेंडिंग होने के कारण कुछ जगहों पर एक्शन लिया गया है। संबंधित एजेंसियों के जिम्मेदारों से इस संबंध में चर्चा भी हुई है। जल्द ही रिकवरी को लेकर सभी पहलुओं पर प्रयास होंगे।