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50 डिग्री तापमान के पार तपते खम्बों पर कार्यरत हैं, विद्युत कर्मी : शुक्ला

रायपुर । छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर कंपनी द्वारा प्रदेषभर में विद्युत प्रणालियों के मरम्मत एवं संधारण का कार्य इन दिनों तेजी से किया जा रहा है। वर्षा पूर्व विद्युत प्रणालियों को दुरूस्त करने में जुटे विद्युत विभाग के कर्मचारी विपरीत परिस्थितियों में भी लगातार संचारण-संधारण कार्य में जुटे हुये हैं। बरसात के पहले विद्युत प्रणालियों के संचारण-संधारण से तेज बारीष, आॅधी के समय विद्युत व्यवस्था सुदृढ़ बनी रहेगी और वर्षाकाल में संभावित विद्युत दुर्घटनाओं पर भी रोक लगेगी। प्रदेष में जारी इस अभियान के संबंध में पाॅवर कंपनीज अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र शुक्ला ने बताया कि 50 डिग्री तापमान के पार तपते खम्बों, लाईनों में चढ़कर ऊॅचाईयों पर कार्यरत विद्युत कर्मियों के लिये यही तपते खम्बे, तार सहारा भी बनते हैं। जान हथेली पर लेकर जोखिम भरे कार्यों को दूसरों के घर में रोषनी पहुंचाने के लिये पूर्ण करते विद्युत कर्मियों का कार्य देष की सुरक्षा में लगे जवानों के जज्बे से कम नहीं है।

संचारण-संधारण कार्य के अन्तर्गत पुराने क्षतिग्रस्त लाईनों, खम्बों, ट्रांसफार्मर को बदलने व्यवस्थित करने तथा विद्युत प्रणालियों के करीब आ रहे वृक्षों की कटाई-छंटाई एवं अन्य व्यवधानों के निराकरण के कार्य किये जा रहे हैं। पाॅवर कंपनी द्वारा मानसून पूर्व मेंटेनेष के कार्य को जून माह के प्रथम पखवाड़े तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। आपरेषन-मेंटेनेंष के कार्यों को चालू विद्युत प्रणाली में नहीं किया जा सकता है, अतः उपभोक्ताओं को पूर्व सूचना देकर कार्य के समय न्यूनतम समय के लिये बिजली बंद रखी जाती है। यह बताते हुये उन्होंने कहा कि भीषण तूफानी गरमी में बिजली जाने से उपभोक्ताओं को अगर सौ प्रतिशत परेशानी होती है तो निष्चित रूप से बिजली कर्मियों को पाॅच सौ प्रतिशत होती है।

श्री शुक्ला ने आम उपभोक्ताओं से मेंटेनेष कार्य में सहयोग प्रदान करने की अपील करते हुये कहा कि वो खंबा जो दोपहर के समय 50 डिग्री तापमान के पार तप रहा होता है, वही खम्बा ऊॅचाईयों पर कार्यरत लाइन कर्मचरियों का सहारा बनता है। ऐसे आग के गोले पर घंटों खड़े होकर बाधित लाईन को विद्युत कर्मी सुधार कर चालू करते हैं। हम सब ऐसे पोस्ट को वाटॅसअप आदि पर शेयर करते है जिसमें भरी दोपहरी में आये डिलीवरी मैन को डिलीवरी लेने से’ ’पहले पानी पिलाने की बात की जाती है। वहीं लाईट जाने पर बिजली वालों को गाली देने में देरी नहीं की जाती। ऐसी गालियाॅ अथवा विद्युत कर्मियों से दुव्र्यहार तपते खम्बे से भी ज्यादा पीढ़ादायक होते है। अगर देश की सुरक्षा में लगे जवान के जज्बे को हम समझते है तो बिजली वालों के जज्बे को क्यों नहीं समझ पाते। दिन रात सुबह शाम बिजली कर्मी उपभोक्ताओं की सेवा सुविधा में लगे होते हैं, अतः अनुरोध है विद्युत कर्मियों की पीड़ा को भी समझें, वे भी इंसान है आप जैसे।

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