Cow Mother Status : गुढ़ियारी में 4 से 8 अक्टूबर तक आयोजित श्री हनुमंत कथा के विश्रांति के दिन बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Cow Mother Status) का कथा श्रवण करने के लिए पहुंचे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे विश्व में सनातन धर्मप्रेमियों का ध्वज लहरा रहा है और बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का छत्तीसगढ़ की पावनधरा पर वे उनका स्वागत करते हैं।
आज छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा सौभाग्य का विषय है कि छत्तीसगढ़ जो माता कौशल्या का मायका है और प्रभु श्रीराम का ननिहाल है, माता शबरी की ये धरती है और ऐसे पावन धरती में महाराश्री का चरण पड़ा है मैं पूरे छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता की ओर से नमन करता हूं। उनका बराबर आर्शीवाद छत्तीसगढ़ को मिला है इसके लिए वे उनके आभारी हैं।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा ने गौ माता के संदर्भ में जो सुझाव दिए थे, उन्हें वे गंभीरता से ले रहे हैं। पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने तहसील स्तर पर 5000-5000 गोठान बनाने की सलाह दी, और इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि प्रदेश की सरकार शीघ्र ही गाय को औपचारिक तौर पर गौ माता का दर्जा देने की प्रक्रिया पूरी करेगी।
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने इस विषय पर कैबिनेट के सदस्यों और वरिष्ठजनों से परामर्श आरंभ कर दिया है और जैसे महाराष्ट्र ने गाय को (Cow Mother Status) गौमाता का दर्जा दिया था, उसी प्रकार छत्तीसगढ़ में भी जल्द ही यह कदम उठाया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि इस दिशा में जो भी संवैधानिक या प्रशासनिक प्रक्रिया आवश्यक होगी उसे पूरा कर शीघ्रता से इसका औपचारिक ऐलान किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे जिनमें स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा, कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा तथा कई अन्य सार्वजनिक हस्तियाँ शामिल थीं।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पशुपालन पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा, साथ ही गोठानों के माध्यम से पशु पालन में बेहतर सुविधाएँ और पशु कल्याण सुनिश्चित किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गोठानों के माध्यम से गौ माता (Cow Mother Status) के संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीण रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और स्थानीय स्तर पर गोबर से जुड़े उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा।
कथा के दौरान पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि “यह हिन्दु हिन्दु नहीं है जो अधर्म के खिलाफ आवाज़ न उठाए” और धर्म की रक्षा के लिए समाज को जागरूक रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि समुदाय अपने धर्म और संस्कृति के प्रति संवेदनशील रहेगा तो समाज में अनुशासन और नैतिकता बनी रहेगी। इस संदर्भ में उन्होंने बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद से जुड़े हालात का भी जिक्र करते हुए कहा कि नक्सलवाद की कमी आई है और अब धर्म विरोधियों के खिलाफ भी दृढ़ता से कदम उठाए जा रहे हैं।
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने यह चेतावनी दी कि बस्तर में धर्मांतरण के मामलों पर कड़ी कार्रवाई होगी और उनका कहना था कि जिन लोगों द्वारा धर्मांतरण कराया जा रहा है, उनसे संबंधित व्यक्ति बोरिया-बिस्तर बांधकर बंगाल भेजे जाने तक की बातें भी की गईं – इन टिप्पणियों ने वातावरण को गरमाया हुआ पाया।
कथा के दौरान पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आधुनिक समस्याओं पर भी टिप्पणी की और छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे साइबर ठगों के खिलाफ जागरूकता अभियान की सराहना की। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि कैसे ठग मोबाइल फोन से लोगों को फंसाते हैं और पैसे ऐंठते हैं। उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति को अपने बैंक या मोबाइल वॉलेट की जानकारी न दें और ऐसे मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें। इस विषय को लेकर उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस के काम की प्रशंसा करते हुए जोरदार तालियों से उनका उत्साहवर्धन कराया।
कथा के दौरान धर्म-नैतिकता और व्यक्तिगत आचरण पर भी बहुत जोर दिया गया। पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि “यदि उच्च आचरण होगा तो कितनी भी गड़बड़ हो जाए तुम हमेशा विजयी रहोगे।” उन्होंने हनुमान जी की भक्ति, तप और निष्ठा की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि सलाहकार हनुमान जी जैसा रखोगे तो तुम्हें रामजी के पास नहीं जाना पड़ेगा, वही लेकर आ जाएंगे – इस प्रकार लोक में भक्ति और श्रद्धा का संदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि हनुमान जी के चरण पकड़ने से व्यक्ति को राम और शिव दोनों के चरणों का सान्निध्य प्राप्त हो सकता है।
समारोह के अंत में युवा समाजसेवी चंदन – बसंत अग्रवाल ने पुलिस प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और फाउंडेशन के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के सफल समापन में पांच हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने महीनों से अथक परिश्रम किया है और यही सामूहिक प्रयास इस तरह के धार्मिक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से सम्पन्न करवा पाते हैं। बसंत अग्रवाल ने यह भी कहा कि आगामी 7 से 16 नवंबर की पदयात्रा में उनके शिशु मंडल के सभी सदस्य सहभागी होंगे और वे इस तरह के सनातनी आयोजनों को निरंतर आगे बढ़ाते रहेंगे।
इस कार्यक्रम में मलुखपीठाधिश्वर अभिरामदेवाचार्य महाराज और अन्य संतों ने भी हिस्सा लिया और उन्होंने कहा कि पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की विचारधारा छत्तीसगढ़ में नवीन ऊर्जा और नवीन क्रांति ला रही है। साथ ही राजीव लोचन महाराज ने बताया कि प्रदेश के संत एवं धार्मिक गुरु राज्य के सांस्कृतिक गौरव का हिस्सा हैं और उनके प्रयाण से समाज में सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है।
कार्यक्रम के दौरान कई वक्ताओं ने गौ संरक्षण, धार्मिक शिक्षा, तथा सामाजिक समरसता पर अपने-अपने विचार रखे। मुख्यमंत्री के उद्घोषण के बाद गौ माता (Cow Mother Status) के दर्जे पर चर्चा को स्थानीय मीडिया तथा जनमानस में व्यापक ध्यान मिला है। अधिकारियों ने बताया कि गोठान निर्माण, गोपालन योजनाओं और पशु कल्याण नीतियों को लागू करने के लिए संबंधित विभाग शीघ्र रूपरेखा प्रस्तुत करेंगे और आवश्यक वित्तपोषण के विकल्पों पर भी विचार किया जाएगा। सरकार ने यह संकेत दिया है कि गोठान योजना के तहत स्थानीय समुदायों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा ताकि पारंपरिक पशुपालन और गौ-आधारित आर्थिक गतिविधियाँ सुदृढ़ हों।
कार्यक्रम समापन पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आशीर्वाद ग्रहण किए तथा समूचे आयोजन को सफल और प्रेरणादायी बताया। आयोजकों ने भविष्य में और भी ऐसे सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की, जिससे सनातन परंपरा और सामाजिक एकता को और मजबूत किया जा सके।