नई दिल्ली। Covishield Vaccine: देशभर में इन दिनों कोराना वैक्सीन की भारी किल्लत है। इसके बावजूद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड वैक्सीन की 50 लाख डोज ब्रिटेन को निर्यात करना चाहता था। इसको लेकर कंपनी ने सरकार से कई राउंड की बातचीत की लेकिन सरकार ने यूके के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
कंपनी की दलील थी कि ब्रिटेन के साथ वैक्सीन देने को लेकर पहले ही समझौता हुआ था। भारत सरकार ने वैक्सीन की कमी का हवाला देते हुए यूके के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। लोकल लेवल पर सप्लाई की कमी के चलते ये फैसला लिया है और कंपनी से पहले लोकल वैक्सीन सप्लाई को बेहतर करने को कहा है।
साथ ही राज्यों को स्थानीय स्तर पर वैक्सीन (Covishield Vaccine) की कमी को पूरा करने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट से संपर्क करने को कहा गया है। सरकार ने देश में 1 मई से 18 प्लस का वैक्सीनेशन शुरू किया है। हालांकि अभी ये देश के सभी राज्यों में शुरू नहीं हो पाया है।
राज्यों में सप्लाई की कमी देखी जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, निजी अस्पताल में वैक्सीन के लिए कंपनी से संपर्क कर सकते हैं। मंत्रालय ने राज्यों से कंपनी से संपर्क करने और जल्द से जल्द वैक्सीनेशन को तेजी देने के लिए कहा है।
यूके एक्सपोर्ट (Covishield Vaccine) के लिए तैयार की गई वैक्सीन की डोज के लेबल को बदलना पड़ सकता है, क्योंकि ये वहां के मुताबिक पैक किए गए गए थे, लेकिन अब लोकल मार्केट में सप्लाई के मुताबिक उन्हें नए लेबल की जरूरत होगी।
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच देश में टीकाकरण अभियान जारी है। पिछले महीने 5 अप्रैल में वैक्सीनेशन प्रोग्राम पीक पर पहुंच गया था, जहां एक दिन में 43,00,966 लोगों ने कोरोना वैक्सीन की डोज ली थी। माना जाना लगा था कि देश के हर योग्य नागरिक को कोरोना वैक्सीन की डोज जल्द ही लग जाएगी।
कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को और तेज करते हुए 1 मई से कोरोना वैक्सीन का तीसरा चरण शुरू कर दिया गया, जिसमें 18 साल से ऊपर के लोगों को कोरोना वैक्सीन देना शुरू किया गया है।