गुरुग्राम, नवप्रदेश। नाबालिग घरेलू सहायिका को कथित रूप से प्रताड़ित करने और उसका यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए गुरुग्राम के दंपति को उनकी नौकरियों से बर्खास्त कर दिया गया है।
पुलिस ने गुरुवार को उस प्लेसमेंट एजेंसी की तलाश शुरू की जिसके माध्यम से नाबालिग लड़की को घरेलू सहायिका के काम पर रखा गया (Couple Tortured Minor) था।
आरोपी महिला जनसंपर्क एजेंसी के लिए महिला काम करती थी और उसका पति बीमा कंपनी में कार्यरत था. दोनों संस्थानों ने ट्विटर पर उनकी बर्खास्तगी की सूचना दी।
स्वास्थ्य सेवा के एक कर्मचारी ने कहा कि गुरुवार को दिल्ली में झारखंड भवन के एक अधिकारी ने भी लड़की से मिलने सिविल अस्पताल का दौरा किया।
सखी केंद्र की प्रभारी पिंकी मलिक द्वारा दायर शिकायत के अनुसार झारखंड के रांची की लड़की को एक प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से काम पर रखा गया था। दंपति ने उससे काम कराया और उसे बेरहमी से पीटा (Couple Tortured Minor) भी।
पुलिस ने बुधवार को यहां न्यू कॉलोनी निवासी मनीष खट्टर (36) और उनकी पत्नी कमलजीत कौर (34) को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में पुलिस ने कहा था कि लड़की के हाथ, पैर और मुंह पर चोट के कई निशान पाए गए (Couple Tortured Minor) हैं।
एफआईआर के मुताबिक लड़की की उम्र 17 साल है। आरोपी मनीष खट्टर और उसकी पत्नी कमलजीत कौर को बुधवार को शहर की एक अदालत में पेश किया गया था. अदालत ने खट्टर को दो दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया, जबकि कौर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पुलिस और ‘वन-स्टॉप क्राइसिस सेंटर’ सखी की एक संयुक्त टीम ने दंपती द्वारा अपने बच्चे की देखभाल के लिए रखी गई घरेलू सहायिका को मंगलवार को मुक्त कराया था। उसके हाथ, पैर और चेहरे पर चोट के कई निशान पाए गए हैं।
सखी केंद्र प्रभारी पिंकी मलिक द्वारा दायर की गई शिकायत के अनुसार, झारखंड के रांची की निवासी लड़की को एक ‘प्लेसमेंट एजेंसी’ के माध्यम से काम पर रखा गया था। पिंकी मलिक ने आरोप लगाया कि दंपती उसकी बेरहमी से पिटाई करते थे। उन्होंने घरेलू सहायिका को पूरी रात सोने नहीं दिया और खाना भी नहीं दिया। उसका चेहरा पूरी तरह सूज गया था, जबकि शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान थे।
पुलिस ने बताया कि लड़की को नाजुक हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने बताया कि किशोरी का यौन उत्पीड़न भी किया गया था। उन्होंने बताया कि दंपती के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (चोट पहुंचाना), 342 (बंधक बना कर रखना) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम तथा पॉक्सो अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत न्यू कॉलोनी पुलिस थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई है।