coup in bangladesh: जिसका डर था वही बात हो गई। पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया। वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोडऩा पड़ गया। पूरे बांग्लादेश मेें अराजकता का माहौल है।
सरकारी और निजी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया गया है। इसका खामियाजा भी वही लोग भुगतेंगे। जहां तक भारत का प्रश्न है तो उसे सचेत करने की जरूरत है। 1971 में लाखों बांग्लादेशियों को शरण दी गई थी।
अभी भी घुसपैठ बदस्तूर जारी है। बांग्लादेश (coup in bangladesh) के मौजूदा हालातों को मद्देनजर रखकर सीमा पर चौकसी कड़ी की जानी चाहिए क्योंकि बांग्लादेश अब पाकिस्तान की राह पर चल पड़ा है।