Cough fever : कफ ज्वर
Cough fever: बिजौर नींबू की जड़, सोंठ, ब्राह्मी, पीपरामूल-सभी बराबर मात्रा में लेकर कूटकर क्वाथ बनाकर थोड़ा-सा जवाखार मिलाकर पीने से कफ ज्वर नष्ट होता है।
– संभालू के पत्तों के क्वाथ में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से कफ ज्वर नष्ट होता है।
– ज्वरांकुश रस 1 ग्राम मात्रा में शर्करोदक के साथ प्रातः सायं लेने से कफ और पित्त प्रधान सन्निपात ज्वर नष्ट होता है।
– नीम की छाल, देवदारू, कपूर, चिरायता, पोहकरमूल, छोटी पीपल, बड़ी पीपल, बड़ी कंटकारी का क्वाथ बनाकर सेवन करने से कफ नष्ट होता है। परवल की पत्ती, नीम की छाल, आंवला, हरड़, बहेड़ा, मुलहठी और खिरेटी को बराबर मात्रा में लेकर, कूटकर क्वाथ बनाकर
पीने से पित्त-कफ ज्वर नष्ट होता है।
– करंज के बीज को जल के साथ पीसकर मस्तक पर लेप करने से कफजन्य ज्वर में बहुत लाभ होता है।
– पिप्पली, बड़ी कटेरी, शतावरी, किरातिक्त, नीम की छाल, कपूर, शुंठी, गुड़ची का क्वाथ बनाकर पीने से कफ नष्ट होता है।
नागरमोथा, त्रिफला, कुटकी, फालसा, इंद्रयव आदि को बराबर मात्रा में लेकर थोड़ा-सा कूटकर क्वाथ बनाकर रोगी को पिलाने से पित्त ज्वर नष्ट होता है।
– अडूसे के फूल-पत्ती को जल में स्वच्छ करके, बारीक पीसकर, छानकर 20 ग्राम रस मधु के साथ पीने से कफ-पित्त ज्वर के साथ रक्तपित्त व कामला रोग भी नष्ट होता है। त्रिभुवन कीर्ति रस 125 मिग्रा. दिन में तीन बार तुलसी व बिल्वपखं के फांट से सेवन करने से कफ ज्वर नष्ट होता है।
Cough fever : त्रिभुवन कीर्ति रस 125 मिग्रा. दिन में तीन बार तुलसी व विल्वपत्र के फांट से सेवन करने पर कफ नष्ट होता है। 0 कफ केतु रस- शुद्ध वत्सनाथ 5 भाग, शंख भस्म, शुद्ध टंकण,सोठं, काली मिर्च तथा छोटी पीपल (प्रत्येक 1 भाग) व वत्सनाभ को खरल में घोटकर इसमें शंख भस्म, टंकण और त्रिकुट का बारीक चूर्ण मिलाकर अदरक के साथ तीन दिन घोटकर एक-एक ग्राम की गोलियां बनाकर रखें। दिन में तीन बार एक-एक गोली
मधु और अदरक रस से लेने पर कफ प्रधान ज्वर एवं सन्निपात ज्वर नष्ट होते हैं।
यह उपाय इंटरनेट के माध्यम से संकलित हैं कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करके ही उपाय करें