Corrupt of Corruption : हमारे देश में अधिकांश राजनीतिक पार्टियां सिर्फ एक नीति पर अमल करने के मामले में सहमत रही है। वह नीति है हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे। जो भी राजनीतिक पार्टी जहां भी सत्ता में रहती है वहां यदि उसका कोई नेता मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में घिरता है तो पूरी पार्टी उसके साथ खड़ी हो जाती है। जिसमें ऐसे भोले भाले कार्यकर्ता भी होते है जिन्हे भ्रष्टाचार के पैसों में से एक चवन्नी भी नहीं मिलती फिर भी वे अपने नेता के बचाव में जमीन आसमान एक करने लगते है।
इन दिनों आम आदमी पार्टी के नेता एक के बाद एक भ्रष्टाचार (Corrupt of Corruption) के आरोप में घिर रहे है लेकिन नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उन सब को कट्टर ईमानदारी का सर्टिफिकेट बंाट रहे है। हवाला कांड में जेल ही हवा खा रहे उनके स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन को जमानत नहीं मिल पा रही है और उनके बारे में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वे कट्टर ईमानदार है और इसके लिए उन्हे पद्मविभूषण सम्मन मिलना चाहिए।
अब उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब घोटाले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे है। जिन्हे पहले ही अरविंद केजरीवाल ने भारत रत्न पुरस्कार का हकदार बताया था। मनीष सिसादिया की शराब घोटाले मामले में संभावित गिरफ्तारी को देखते हुए अरविंद केजरीवाल ने उनके बचाव में सारी हदें लांघ डाली है। उन्होने कहा है कि सतेन्द्र जैन और मनीष सिसोदिया आज के दौर के भगत सिंह है।
यह सीधे-सीधे अमर शहीद भगत सिंह का अपमान है। यह ठीक है कि अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के आरोपी अपने मंत्रियों के बचाव में उन्हे राष्ट्रीय पुरूस्कार का हकदार बताएं लेकिन उनकी तुलना शहीद भगत सिंह से करना कतई उचित नहीं है। रही बात मनीष सिसोदिया की तो उन्होने सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने से पहले अपने समर्थकों की रैली की और ऐसी धूमधाम से सीबीआई दफ्तर पहुंचे मानों वे किसी दुश्मन देश से जंग लडऩे जा रहे हों।
उनके समर्थक आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सीबीआई दफ्तर के सामने बैठकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस तरह वे सीबीआई पर दबाव बनाने की असफल कोशिश कर रहे है। होना तो यह चाहिए कि यदि आप कट्टर ईमानदार है और आप ने कोई घोटाला नहीं किया है तो किसी भी जांच का सामना करने से पहले आप को इस तरह के शक्ति प्रदर्शन की क्या जरूरत पड़ गई है। इस तरह की हरकतें बताती है कि चोर की दाढ़ी में तिनका है।
दरअसल भ्रष्टाचार के आरोपी नेताओं के बीच अब केन्द्रीय एजेंसियों की कार्यवाही का विरोध करना फैशन बन गया है। ये घपले घोटाले करते रहे और उन पर कोई उंगली न उठाएं तो सब ठीक है लेकिन जैसे ही इनके घोटालों की कोई केन्द्रीय एजेंसी जांच करती है तो ये सिर पर पहाड़ उठा लेते है और केन्द्र सरकार पर राजनीतिक बदले की कार्यवाही का आरोप लगाकर विधवा विलापन करने लगते है।
मनीष सिसोदिया पर हो रही कार्यवाही (Corrupt of Corruption) को भी अरविंद केजरीवाल ने राजनीतिक विद्वेश की कार्यवाही बताया है और आरोप लगाया है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी की बढ़ती लोकप्रीयता से डरकर भाजपा उनके नेताओं के खिलाफ झूठी कार्यवाही कर रही है।