कल्याण/ए.। पार्षद (corporator) ने वो काम कर दिया जिसको करने की हिम्मत कोरोना मरीज (corona patient) के परिजन भी नहीं करते। पार्षद (corporator) एक कोरोना की मरीज (corona patient) बुजुर्ग महिला को उठाकर घर लेकर चले गए (take away from hospital)।
दरअसल अस्पताल ने कोरोना पीड़ित 70 वर्षीय महिला के इलाज का अनाप शनाप बिल लगा दिया था और इसे परिजनों को थमा दिया था। ये बिल भरने में परिवार के लोग अक्षम थे। इसलिए अस्पताल ने महिला को डिस्चार्ज करने से मना कर दिया था। इसका पता चलते ही शिवसेना पार्षद महेश गायकवाड़ ने पीपीई किट पहनी और महिला को उठाकर घर चले गए (take away from hospital) ।
जानकारी के मुताबिक, 70 साल की महिला के कोरोना संक्रमित होने पर उनके परिजन उन्हें कल्याण के एक बड़े हास्पिटल लेकर गए। भर्ती कराते समय ही अस्पताल ने परिजन से 80 हजार रुपए डिपॉजिटि करा लिए। 14 दिन के उपचार के बाद महिला को डिस्चार्ज करते वक्त अस्पताल ने परिजन से और 90 हजार रुपए की मांग कर डाली। परिजन ने जैसे तैसे 30 हजार रुपए की व्यवस्था की लेकिन ये लेने से अस्पताल ने इनकार कर दिया। आखिर में नगरसेवक ने पीपीई किट पहनी और कोरोना मरीज को उठाकर ले गए।
अस्पताल ने पीपीई किट के लगाए थे 50 हजार रुपए
अस्पताल ने मरीज को दी गई पीपीई किट के 50 हजार रुपए लगाए थे। साथ ही मेडिकल वेस्ट के निस्तारण का पैसा भी मरीज पर ही लाद दिया था।