Corporation Boards List : नाराज नेताओं को साधने में जूटी कांग्रेस
रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ में निगम-मंडल (Corporation Boards List) की पहली सूची बड़े ही जद्दोजहद के बाद नई सरकार के गठन के करीब एक साल बाद आया। जिसमे 32 नेताओं की नियुक्ति की गई थी। अब दूसरी सूची के इंतजार में कई नेता अभी भी बाट जोह रहे हैं,लेकिन उनका छींका अभी भी नहीं फूटा। कोरोना संकटकाल का हवाला देकर दूसरी सूची को रोक कर रखा गया है।
इधर सरकार के ढाई-ढाई साल का मसला तो सुलझता नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि जय-वीरू की जोड़ी ने अंदरखाने में समझौता कर लिया है। ये दीगर बात है कि इस मसले को सुलझाने में जय-वीरू की जोड़ी में कौन किस पर भारी पड़ा ये तो आने वाला समय ही बताएगा।
अब बारी आती है बचे हुए निगम-मंडल के दूसरी सूची की। 14 जून को जैसे ही प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया रायपुर पहुंचे तो लाल बत्ती की आस लगाए बैठे नेताओं की बांछे खिल गई। सभी की निगाहें पुनिया के हाथ में पकडे कागजों पर थी। लेकिन फिर एक बार इन नेताओं को निराशा हाथ लगी। पुनिया ने जब आलाकमान का हवाला देकर सूची में और देर होने की बात कही तो इंतजार की क़तार में खड़े नेताओं की हालत ख़राब हो गई।
पुनिया ने साफ तौर पर कहा कि दूसरी सूची (Corporation Boards List) पर केवल मुहर लगाना बाकि है और वह राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी पर निर्भर है। रायपुर में जब बैठक का दौर शुरू हुआ तो इसमें भी निगम-मंडल की अगली सूची को लेकर पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पील पुनिया ने चर्चा करने की बात सूत्र बताते हैं। लेकिन तैयार की गई सूची में किसका-किसका नाम है इसकी पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। पर हां नाराज साथियों को खुश करने के लिए रास्ता निकाला गया है।
हालांकी बताया जा रहा है कि निगम-मंडल में रिक्त पदों पर बड़े और पार्टी के विश्वस्त चेहरे को ही मौका दिया जाएगा। जो 15 सालों से जमीनी स्तर पर जुड़े हुए हैं। संगठन की कोशिश है कि सभी वर्ग को संतुष्ट किया जा सके। रायपुर में हुई बैठक के बाद सूची की अंतिम रूपरेखा तैयार की गई,जिसे पीएल पुनिया दिल्ली लेकर गए हैं। उन्हें दिल्ली गए करीब दो सप्ताह बीत गया लेकिन अभी भी फाइनल लिस्ट की घोषणा नहीं हुई। यही कारण है की कुर्सी के आस लगाए बैठे नेताओं में सुगबुगाहट तेज हो गई है।
मिली जानकारी के अनुसार करीब 100 से अधिक जमीनी कार्यकर्ताओं को खुश करने की कवायद है। जिसमे सूची को तीन कैटेगरी यानी अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और सदस्यों के नामों में बांटा जायेगा। सभी नेता अपने-अपने आकाओं को खुश करने में जुटे हुए हैं ताकि उनके नाम पर मुहर लग सके।
सूची में ऐसे नाम को तवज्जो दिया जायेगा जो अगले चुनाव 2023 के लिए लाभकारी साबित हो सके। ताकि कांग्रेस एक बार फिर 2023 में इन्ही नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं की बदौलत फिर सत्ता में काबिज हो सके। अभी से ही माना जा रहा है की कांग्रेस ने आगामी 2023 के विधानसभा के चुनाव के लिए अपनी जमीनी स्तर की तैयारियां भी शुरू कर दी है।
लिहाजा निगम मंडल की दूसरी सूची (Corporation Boards List) को काफी ख़ास माना जा रहा है। नाराज नेताओं को खुश करने माथापच्ची ज्यादा ही करना पड़ रहा है। जारी होने वाले सूची में बस्तर के नेताओं पर अधिक ध्यान है। संभावित सूची में कई बड़े कद्दावर नेता,विधायक, युवा नेता और कुछ पत्रकारों के नाम शामिल होने की बात सामने आ रही है। जिन नेताओं के नाम पर मुहर लग सकती है उनमे करीब 5 विधायकों के अलावा दिनेश यदु, अटल श्रीवास्तव, रमेश वल्यार्नी, शोभा यादव,अनिता रावटे, विकास तिवारी, आरपी सिंह, हसन खान, प्रीति खांडे, शंकर धूर्वा, अग्नि चंद्राकर, उत्तम वासुदेव शामिल है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले भी अपने टीम में पत्रकारों को खासा तवज्जो दिया है। सीएम के सलाहकारों में दो वरिष्ठ पत्रकार हैं। बाद में दो पत्रकारों को सूचना आयोग में आयुक्त के पद पर भी दो पत्रकारों को स्थान दिया गया। अब कयास हैं की निगम मंडल में भी कुछ चुनिंदा पत्रकारों को स्थान देकर मान बढ़ाया जायेगा।
जल्द होगा इंतेजार खत्म-मरकाम
पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि निगम मंडल की दूसरी सूची पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का मुहर लगना बाकि है,जो जल्द लगने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हमारे सभी कार्यकर्ता संघठन के लिए एकजुट हैं। निगम मंडल की सूची को लेकर कोई नाराज नहीं है। ये केवल भाजपा का शिगूफा मात्र है। इससे कांग्रेस का कोई भी कार्यकर्ता इत्तेफाक नहीं रखता। उन्होंने यह भी कहा कि निगम मंडल की सूची में कई नाम मीडिया में चलने लगे हैं।
ऐसे में इन नेताओं को एक आस लगी रहती है जो कभी भ्रम भी साबित हो जाता है। मरकाम ने कहा कि निगम मंडल में किसे स्थान देना है ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है। इसमें ख़ास और करीबी को नहीं बल्कि जुझारू और कर्मठ कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता होती है। मोहन मरकाम ने भाजपा को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनके शासन काल में भी सूची फाइनल करने देर होती थी। अभी तो कोरोना का समय है इसलिए हमें देर हुई है।
कांग्रेस बांट रही है लॉली पॉप-बृजमोहन
कांग्रेस द्वारा निगम मंडल की दूसरी सूची में किये जा रहे देरी पर भाजपा ने तंज कसा है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा की कांग्रेस को सत्ता में ढाई साल हो गए पर अपने कार्यकर्ताओं को अब तक खुश नहीं कर पा रही है। कांग्रेस नेताओं की नाराजगी अब बाहर आने लगी है। वहीं कांग्रेस नेताओं को अब भी लॉली पॉप बांट रहे हैं। इसका खामियाजा कांग्रेस को आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब विपक्ष में थी तब हम पर सवाल उठाती थी। लेकिन अब वो सारी बातें भूलकर अपने ही नेताओं को संतुष्ट करने में विफल है।
दूसरी सूची में इन निगम मंडलों में होंगी नियुक्तियां-
- छग राज्य पर्यटन मंडल
- कृषि उपज मंडी बोर्ड
- पर्यावरण संरक्षण मंडल
- माटीकला बोर्ड
- केश शिल्पी कल्याण मंडल
- मार्कफेड
- ब्रेवरेज कॉपोर्रेशन
- राज्य बीज निगम
- सीएसआईडीसी
- संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल
- मदरसा बोर्ड
- दुग्ध महासंघ
- मत्स्य महासंघ
- हथकरघा विकास
- हिंदी ग्रंथ अकादमी
- सिंधी अकादमी
- उर्दू अकादमी
- युवा आयोग
- अनुसूचित जाति आयोग
- बाल अधिकार संरक्षण आयोग
- विधि आयोग, शिक्षा आयोग
- निशक्तजन आयोग
- छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग