नई दिल्ली। Coronavirus News : कोरोना महामारी ने 5 लाख से ज्यादा लोगों को असमय अपनों से छीन लिया। वह पीड़ा, वो कमी कोई दूसरा नहीं भर सकता। ज्यादा दुखद यह है कि कोरोना काल में कई बच्चों के सिर से माता-पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया। ऐसे बच्चों की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन लॉन्च किया था। आज एक साल बाद पीएम उन बच्चों से मुखातिब हुए।
11 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2022 के बीच खो दिया हो अभिभावक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन बच्चों के लिए ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ के तहत सोमवार को छात्रवृत्ति जारी की। इस योजना का मकसद ऐसे बच्चों की मदद करना है, जिन्होंने कोरोना संक्रमण के चलते 11 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2022 के बीच अपने माता-पिता, कानूनी अभिभावक, दत्तक माता-पिता को खो दिया हो।
मोदी ने कहा- मैं PM के तौर पर नहीं परिवार के सदस्य के तौर पर बात कर रहा हूं
पीएम ने बच्चों का स्कीम का (Coronavirus News) लाभ देते हुए कहा कि, आज मैं प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, आपके परिवार के एक सदस्य के तौर पर बात कर रहा हूं। बच्चों का गम बांटते हुए पीएम ने कहा कि जीवन कई बार हमें अप्रत्याशित मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है। ऐसी स्थितियां, जिनकी हमने कल्पना भी नहीं की थी। हंसते-खेलते हुए अचानक अंधेरा छा गया। कोरोना ने अनेकों लोगों के जीवन में, अनेकों परिवारों में ऐसा ही किया है। पीएम ने ऐसे प्रभावित बच्चों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं।
मैं जानता हूं, कोई भी प्रयास कोई भी सहयोग आपके माता-पिता के स्नेह की भरपाई नहीं कर सकता, लेकिन अपने पिता के अपनी मां के न होने पर इस संकट की घड़ी में मां भारती आप सभी बच्चों के साथ है। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन के जरिए देश अपनी इस जिम्मेदारी को निभाने की कोशिश कर रहा है।
पीएम मोदी, कोरोना में अनाथ हुए बच्चों से
पीएम ने बच्चों से कहा कि जो चला जाता है उसकी हमारे पास सिर्फ चंद यादें ही रह जाती हैं लेकिन जो रह जाता है उसके सामने चुनौतियों का अंबार लग जाता है। ऐसी चुनौतियों में पीएम केयर्स फंड फॉर चिल्ड्रेन बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा सा प्रयास है। PM ने कहा कि जिनके माता-पिता दोनों नहीं रहे, पूरा देश आपके साथ है।
4,000 रुपये हर महीने
पीएम ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकारी या प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन कराया जा चुका है। पीएम केयर्स के जरिए ऐसे बच्चों के कॉपी-किताब, यूनिफॉर्म के खर्चे उठाए जाएंगे। हायर एजुकेशन या प्रोफेशन कोर्सेज के लिए अगर लोन चाहिए तो पीएम केयर्स उसके लिए भी मदद करेगा। रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए 4000 रुपये महीने की व्यवस्था की गई है। ऐसे बच्चे जब स्कूल की पढ़ाई पूरी करेंगे तो भविष्य के लिए पैसों की जरूरत होगी। इसके लिए 18 से 23 साल तक के युवाओं को हर महीने स्टाइपंड मिलेगा और जब बच्चे 23 साल के होंगे तो 10 लाख रुपया एक साथ मिलेगा।
अनाथ बच्चों को सरकार देगी ये मदद
अगर किसी को प्रॉफेशनल कोर्स के लिए, हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन चाहिए तो PM-CARES उसमें मदद करेगा।
रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था की गई है।
23 साल की उम्र होने (Coronavirus News) पर 10 लाख रुपये मिलेंगे।
पीएम केयर्स फंड के माध्यम से बच्चों को आयुष्मान हेल्थ कार्ड दिया जा रहा है, जिससे 5 लाख तक के इलाज की मुफ्त सुविधा मिलेगी।