लंदन। कोरोना वायरस (corona virus) को लेकर चीन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। दुनिया के शक्तिशाली देश अमेरिका (america) की ओर से तो चीन (china) पर लगातार सवाल दागे जा रहे हैं। इस क्रम में अमेरिका (america) के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो (mike pompio) ने चीन (china) से मांग की है कि वह इन सभी सवालों व रिपोर्ट को लेकर अपना रुख स्पष्ट करें।
पॉम्पियो (mike pompio) ने चीन से अपना रुख स्पष्ट करने की मांग करते हुए एक रिपोर्ट का हवाला दिया है। इसके मुताबिक, कोरोना वायरस (corona virus) चीन की लैबोरेटरी से निकला (वही लैब जो कभी अमेरिका की मदद से स्थापित हुई थी)।
यह जैविक हथियार के रूप में नहीं था, बल्कि चीन इस विफल प्रयोग के जरिए ये साबित करना चाहता था कि चीनी वैज्ञानिक वायरस के खतरे को पहचानने में अमेरिकी वैज्ञानिकों से कहीं ज्यादा आगे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिका यह पता लगाने की काशिश कर रहा है कि क्या कोरोना वायरस चीन के वुहान की वायरोलॉजी लैब में चमगादड़ों पर प्रयोग करते हुए इंसानों में थोखे से प्रवेश कर गया।
चीन ने मांस बाजार को ठहराया था जिम्मेदार
हालांकि जब ऐसी खबरें फैलनी शुरू हुई तो चीन के नेताओं ने इसके लिए वुहान के मांस बाजार को जिम्मेदार ठहराया था, जहां जंगली जानवरों को खाने के लिए बेचा जाता है न कि चमगादड़ों को। पॉम्पियो ने फॉक्स न्यूज से कहा कि इस बारे में हम जो कुछ जानते हैं वह यह है कि यह वायरस वुहान से ही फैला। उन्होंने कहा कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी मांस बाजार से कुछ ही मिल की दूरी पर हैं। इस बारे में काफी कुछ जानना होगा। अमेरिकी सरकार इसकी तह तक जाने का काम कर रही है।
चीन ने वुहान लैब के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद को कर दिया अस्वीकार
डेली मेल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक वुहान लैब के बारे में खास बात यह भी है कि चीन में ये लैब अमेरिका व फ्रेंच सरकार की मदद से स्थापित की गई थी। लेकिन हाल के दिनों में चीन ने अंतरराष्ट्रीय मदद लेने से इनकार कर दिया यह साबित करने के लिए कि वह अकेले काम करने में सक्षम है।