- मेडिकल कॉलेज, रायपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ और एडवांस कार्डियक इंस्टीटयूट के विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव की नवप्रदेश से खास बातचीत
रायपुर/नवप्रदेश। कोरोना वायरस (corona virus) चीन और इटली के बाद अब दुनिया के तमाम देशों को अपनी चपेट में ले रहा है। भाारत में भी इसके मरीज बढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh corona) में भी एक मरीज पॉजिटिव मिला है।
संक्रमण रोकने के लिए शासन प्रशासन की ओर से सोशल डिस्टसिंग (social distancing) पर जोर दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह़्वान व इसे दिए गए सीएम भूपेश बघेल के समर्थन पर राज्य में भी जनता कर्फ्यू का पालन किया जा रहा है। इन सब ऐहतियाती कदमों से हम कोरोना को कैसे हरा सकते हैं, इसके बारे में नवप्रदेश से खास बातचीत में बताया मेडिकल कॉलेज, रायपुर (medical college raipur) के हृदय रोग विशेषज्ञ और एडवांस कार्डियक इंस्टीटयूट के विभागाध्यक्ष डॉ. स्मिथ श्रीवास्तव ने…
धीमी करनी होगी फैलाव की गति
डॉ श्रीवास्तव (dr smith shrivastava) कहते हैं कि कोरोना वायरस (corona virus) अब एकदम से गायब तो हो नहीं सकता। इसका फैलाव निश्चित है। इसके बावजूद हम इस वायरस पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। बस हमें इसके फैलाव की गति को धीमा करना होगा। इसके लिए हमें सोशल डिस्टसिंग (social distancing) व जनता कर्फ्यू जैसे उपायों को अपनाना होगा। बहुत जरूरी होने पर ही घर से निकलना होगा। इन उपायों पर इसलिए जोर दिया जा रहा है क्योंकि देश में मौजूदा वेंटिलेटर की संख्या के मद्देनजर यदि फैलाव बहुत तेज गति से बढ़ गया तो सीरीयस मरीजों के लिए वेंटिलेटर कम पड़ सकते हैं। हालात इटली जैसे हो सकते हैं जहां मरीजों को बचाने में प्रायोरिटी तय की जा रही है।
एकदम से न फैले संक्रमण तो बच सकती है सबकी जान
मेडिकल कॉलेज, रायपुर (medical college raipur) के हृदय रोग विशेषज्ञ और एडवांस कार्डियक इंस्टीटयूट के विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीवास्तव (dr smith shrivastava) ने बताया- छत्तीसगढ़ (chhattisgarh corona) की बात करें तो यहां करीब 1500 वेंटिलेटर है। सबसे ज्यादा मेकाहारा अस्पताल में 90 हैं। ऐसे में यदि हमने राज्य में भी संक्रमण के फैलने की गति को धीमा नहीं किया तो हमारे राज्य में भी हालात बिगड़ सकते हैं। इसे ऐसे भी समझा जा सकता है डेढ़ हजार से ज्यादा मरीजों को एक ही कालावधि में वेंटिलेटर की जरूरी पड़ी तो सभी की जान बचा पाना संभव नहीं हो पाएगा। वहीं यदि संक्रमण धीमे फैले व दो तीन माह में बारी-बारी से मरीज आए तो सभी की जान बचाई जा सकती है। और इस तरह हम कोरोना से जंग जीत जाएंगे।
अनुकूल माहौल न मिले तो कमजोर हो जाता है वायरस
डॉ. श्रीवास्तव (dr smith shrivastava) ने आगे कहा कि किसी भी वायरस के फैलाव की गति धीमी हो जाए तो यह कुछ दिन के बाद कमजोर होने लगता है और इससे लड़ने के प्रति हमारी इम्यूनिटी बढ़ जाती है। स्वाइन फ्लू, इन्फूएंजा, स्पेनिश फ्लू, स्माल पॉक्स आदि में हम ये चीज अनुभव कर चुके हैं। इसके लिए वायरस को फैलने का अनुकूल माहौल नहीं मिलना चाहिए। इसलिए लोगों को चाहिए कि वे सैनिटाइजेशन संबंधी निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करें। भारत के परिप्रेक्ष्य में इस स्थिति में एक राहतभरी बात यह है कि देश में इस वायरस के संक्रमण से मार्टेलिटी रेट 3 फीसदी है। 80 फीसदी लोग रिकवर हो रहे हैं। सबसे ज्यादा खतरा 60 वर्ष से ऊपर की आयु वालों को है। डायबिटिक पेसेंट को भी अधिक सावधानी बरतने की जरूर है। लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं है कि युवा और नॉन डायबिटिक लोग सतर्कता न बरतें।