रायपुर/नवप्रदेश। Corona Transition : छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की रफ़्तार के साथ-साथ राजनीतिक बयानबाजी के दौर में भी तेजी आ गई है। प्रदेश में बैठी विपक्ष लगातार कोरोना के बढ़ते दौर को लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस पर हमलावर है। वहीं सत्ता की ओर से करारा जवाब भी दिया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सहित राजधानी रायपुर में कोरोना संक्रमण की एकाएक बढ़ी दर को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि प्रदेश सरकार की घोर लापरवाही और निकम्मेपन का जीता-जागता प्रमाण दिखाई दे रहा है। श्रीवास्तव ने कहा कि राजधानी में न्यू ईयर पार्टी के बाद ही चार-पाँच गुना तक बढ़े कोरोना पॉज़ीटिव मामलों ने प्रदेश को एक बार फिर दहशत के साए में धकेल दिया है और प्रदेश सरकार बजाय कोरोना रोकथाम के पुख़्ता इंतज़ााम करने के सियासी नौटंकियों और लफ़्फ़ाजियों में ही मशगूल है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि पाँच दिनों में ही हालात इतने भयावह हो चले हैं कि छत्तीसगढ़ आज संक्रमण के कम्युनिटी स्प्रेड के क़ग़ार पर पहुँच गया है। श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना (Corona Transition) की पहली लहर के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव आपस में ही भिड़ते रहे। तब कोरोना को लेकर होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में स्वास्थ्य मंत्री को बुलाया तक नहीं गया और वे मुंबई चले गए। वह लड़ाई आज भी जारी है। इन्ही सब कारणों को लेकर प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर को न्योता दिया है।
कांग्रेस का पलटवार
भाजपा के आरोप के बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि डब्ल्यू.एच.ओ. के द्वारा कोरोना के नए वेरिएंट “ओमीक्रोन“ पर अलर्ट जारी (Corona Transition) करने के तत्काल बाद ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र की मोदी सरकार से मांग की थी कि विदेशों से आने वाले यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर ही जांच और क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था की जाए। उन्हें सीधे देश के भीतर किसी राज्य में जाने की अनुमति न दी जाए। पूर्व में भी दो लहरों के पीछे केंद्र की यही गलती/उपेक्षा/लापरवाही उजागर हुई थी जो इस बार पुनः दोहराई जा रही है।
ओमीक्रॉन की जांच के लिए जिनोम सीक्वेंसिंग सैंपल पहले विशाखापट्टनम में भेजने की बाध्यता थी और अब भुवनेश्वर, जबकि मोदी सरकार से लगातार मांग की जा रही है कि एम्स रायपुर और मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायपुर में “जिनोम सीक्वेंसिंग“ की अनुमति दी जाए, ताकि समय पर रिपोर्ट प्राप्त हो सके। दुखद है कि सांसद सुनील सोनी और भाजपा नेताओं का रवैया छत्तीसगढ़ के हक और हित के खिलाफ रहा है। सभी आवश्यक कदम उठाने के बावजूद यदि छत्तीसगढ़ में नए संक्रमितों के कुल 2400 के आंकड़े पर आरोप लगाते हैं तो बताए कि क्या देशभर में कल एक ही दिन में 1,17,100 नए संक्रमित और 302 मौत के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार नहीं है? देशभर में अबतक लगभग 3 करोड़ 52 लाख 26 हज़ार 386 से अधिक मामले और 4,83,178 से अधिक मौत के पीछे क्या मोदी सरकार की लापरवाही और बद-इंतजामी ही नहीं है?
उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना के जांच, वेक्सिनेशन और इलाज (Corona Transition) की बेहतर व्यवस्था के लिए कृत संकल्पित है। कोविड केयर सेंटर, क्वॉरेंटाइन सेंटर, अस्पतालों में अतिरिक्त बिस्तर, ऑक्सीजन, जांच और अधिक से अधिक वैक्सीनेशन के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। रोजगार, व्यवसाय को बाधित किए बिना ही संक्रमण के फैलाव को रोकने जनभागीदारी और आमजन के सहयोग से सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं।