सावधान! सर्वाधिक कोरोना फैलाने वालों का पता चला, आपके आसपास भी हो सकते हैं, जिनके नाक-दांत…, जानें इनके बारे में

सावधान! सर्वाधिक कोरोना फैलाने वालों का पता चला, आपके आसपास भी हो सकते हैं, जिनके नाक-दांत…, जानें इनके बारे में

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Corona Super Spreader : अध्ययन रिपोर्ट में हुआ खुलासा

फ्लोरिडा/नवप्रदेश। Corona super spreader : ये तो हम सभी जानते हैं कि कोरोना (corona super spreader) वायरय का संक्रमण एक व्यक्ति से कई लोगों में फैलता है। लेकिन कुछ लोगों के कारण ये दूसरों में काफी तेज से फैलता है। इन्हें सुपर स्पे्रडर कहा जाता है। ऐसे लोग आपके आसपास भी होते है। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंड का पालन जरूरी है।

कंप्युटर मॉडल की सहायता से विभिन्न लोगों की विभिन्न प्रकार की छीकने की आदत का अध्ययन करके कोरोना (corona super spreader) वायरस को तेजी से फैला सकने मेंं सक्षम कुछ लोगों को निश्चित किया गया है। इस अध्ययन से कोरोना वायरस के सुपर स्प्रेडर का पता लगाया जा सकता है।

बंद नाक व सभी दांत सुक्षित रहने वालों से संक्रमण ज्यादा

एक अध्ययन के मुताबिक, कोरोना वायरस को तेजी से फैलाने मेंं बंद नाक तथा सभी दांतों वाले लोगों की अधिक हिस्सेदारी है। कोरोना वायरस आम तौर पर संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छीकने से बाहर निकलने वाले द्रव्य में मौजूद विषाणुओं से होता है।

दूर तक जाती है छीक

अब छीक से उडऩे वाले द्रव्य की बूंदे वायरस को कितनरी दूर लेकर जाती है, इससे उस व्यक्ति का सुप्रेडर होना या नहीं होना तय होता है। फिजिक्स ऑफ फ्लूइड्स नामक जर्नल में यह शोध प्रकाशित हुआ है।

इसके मुताबिक बंद नाक तथा सभी दांतों वाले व्यक्ति से कोरोना वायरस अधिक फैल सकता है। क्योंकि शोध के मुताबिक ऐसे लोगों की छीक काफी दूर तक जाती है। इस अध्ययन रिपोर्ट के सहलेखक यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल फ्लोरिडा मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के मायकल किंजेल ने कहा कि यह जानकारी सुपर स्प्रेडर की पहचान करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। जिससे सुपर स्प्रेडिंग को रोका जा सकता है। छीक क्यों व कैसे दूर तक जाती है इसको लेकर यह पहला अध्ययन है।

ऐसे समझें बंद नाक व सभी दांतों से संक्रमण के खतरे को

अध्ययन में यह पता चला कि नाक बंद रहने पर छीक की गति बढ़ जाती है और छीक की बूंदें अधिक दूर तक जाती हैं। नाक बंद रहने पर छीक मुंह से बाहर आती है। जिसके कारण उसका वेग तथा अंतर अधिक होता है। नाक खुला हो तो छीक का मार्ग विभक्त हो जाता है। जिससे वेग कम हो जाता है। दांतों का प्रभाव छीक की गति पर पड़ता है। अधिक दांत यानी मर्यादित मार्ग। ये पानी के नल जैसा है। नल थोड़ा खोलने पर पानी अधिक फोर्स से बाहर आता है। वैसे ही कम जगह हो तो छीक अधिक तेजी से बाहर आती है और यह दूर तक जाती है।


जिनके दांत कम उनसे ज्यादा नहीं खतरा

वहीं जिनके दांत कम है या नहीं है उनकी छीक दूर तक नहीं जाती है। जबकि बंद नाक व सुरक्षित दांतों वालों के मामले में छीक गति व दूरी 60 फीसदी तक बढ़ जाती है। नाक का द्रव्य पतला हो तो द्रवरूप कणों का आकार छोटा होता है और ये हवा में अधिक समय तक तैरते हैं। मध्यम तथा ठोस स्वरूप के द्रव्य हो तो यह जमीन पर गिरता है, जिससे संक्रमण का खतरा कम रहता है।

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