कोरबा/रायपुर/नवप्रदेश। कोरोना (corona) रेड जोन कटघोरा (katghora) का निरीक्षण करने के लिए यहां शनिवार को रायपुर से अधिकारियों की टीम पहुंची। छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अफसरों ने कोरोना (corona) रेड जोन कटघोरा (katghora) का जायजा लिया। कोरबा जिला प्रशासन के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार रायपुर से स्वास्थ्य सचिव के नेतृत्व में पहुंची टीम ने कोरबा कलेक्टर को 2000 रैपिड टेस्ट किट (rapid test kit) उपलब्ध कराए हैं।
कहा जा रहा है कि अब प्रतिदिन 20 से 25 टेस्ट कोरबा में ही हो सकेंगे। कोरोना (corona) की जांच में तेजी लाने के उद्देश्य से सरकार ने यह कदम उठाया है। टीम में स्वास्थ्य सचिव के साथ संचाल स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़ भी कटघोरा पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उनके साथ कोरबा कलेक्टर, सीएमएचओ समेत जिले पर स्थिति पर नजर रखने के लिए पहले से तैनात अधिकारी भी मौजूद थे। इस दौरान कोरबा कलेक्टर किरण कौशल ने शीर्ष अधिकारियों की टीम को कटघोरा की ताजा स्थिति से अवगत कराया।
4800 रैपिड टेस्ट किट दे चुकी भारत सरकार
राज्य कोविड कमांड सेंटर के मीडिया इंचार्ज डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने नवप्रदेश को बताया कि छत्तीसगढ़ में टेस्ट में तेजी लाने के लिए भारत सरकार की ओर से 4800 रैपिड टेस्ट किट (rapid test kit) उपलब्ध कराए गए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या ये सभी किट कटघोरा में ही इस्तेमाल होंगे, डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि इसको लेकर संबंधित समिति ही फैसला लेगी।
75 हजार किट द. कोरिया की कंपनी से मंगाई, कीमत सिर्फ 377 रुपए, मंगल से डिलिवरी संभव : भुवनेश यादव
वहीं छत्तीसगढ़ स्टेट मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी भुवनेश यादव ने बताया किदक्षिण कोरिया की भारत में स्थित कंपनी को 75 हजार रैपिड टेस्ट किट के आर्डर प्लेस किए गए हैं। मंगलवार तक इन किट्स की डिलिवरी सीजीएमएससीएल को शुरू हो जाएगी। यह किट काफी किफायती दाम में मिल रही है। एक किट की कीमत करीब 377 रुपए पड़ रही है। इसमें किट का मूल्य 337 रुपए व जीएसटी शामिल है। यादव ने कहा कि उक्त दक्षिण कोरियाई कंपनी से रैपिड टेस्ट किट हासिल करने वाले छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा। यह कंपनी गुढग़ांव के पास मानेसर में स्थित है।
इसलिए अहम है रैपिड टेस्ट किट का रोल
दरअसल रैपिड टेस्ट किट का इस्तेमाल एंटी बॉडी टेस्ट के लिए होता है। शरीर जब कोई वायरस प्रवेश करता हैै तो इम्यून सिस्टम उससे लडऩे लगता है। आसान शब्दों में कहें तो वायरस के शरीर में प्रवेश करने पर शरीर के भीतर उससे लडऩे के लिए एक फौज बन जाती है। एंटीबॉडी टेस्ट में शरीर में मौजूद इसी फौज या प्रतिरोध प्रक्रिया का पता चलता है।
यदि किसी का एंटीबॉडी टेस्ट निगेटिव आए (यानी प्रतिरोध प्रक्रिया का पता न चले) तो समझिए कि उसके संक्रमित होने का खतरा नगण्य है और यदि ये टेस्ट पॉजिटिव (यानी प्रतिरोध प्रक्रिया का पता चले) पाया जाता है तो समझिए कि उस व्यक्ति के किसी वायरस से संक्रमित होने की आशंका है। लिहाजा इस टेस्ट के आधार पर कोरोना टेस्ट के लिए सर्वाधिक प्राथमिकता वाले लोगों का आसानी से चयन किया जा सकता है।
दो हजार रैपिड टेस्ट किट कोरबा पहुंच चुकी हैं। वेयरहाउस में 2800 किट रखे हैं। मेरा ऐसा मानना है कि इन किट से टेस्ट शुरू करने के पहले गाइडलाइन के मुताबिक लैब तक्रीशियन को प्रशिक्षित करना होगा। ये प्रशिक्षिण जिला या राज्य स्तर पर भी हो सकता है।
-डॉ धर्मेंद्र गहवई , राज्य नोडल अधिकारी (कोरोनावायरस रोकथाम अभियान)