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Corona के नाम पर बिना मांगे ही कुछ पंचायतों को बांट दी 90-90 हजार की किट

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राधेश्याम पटेल/मैनपुर। कोरोना (corona) संकट में भी कथित निजी स्वार्थ को साधने अनियमितता का (irregularity) खेल चलता दिखाई पड़ रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिला पंचायत गरियाबंद (gariaband district panchayat) के कुछ अधिकारी कथित स्वार्थ के चलते बिना मांग (without demand) के ही कोरोना (corona) से निपटने के नाम पर मैनपुर (mainpur) ब्लॉक की कुछ ग्राम पंचायतों (gram panchayat) को 18-20 हजार की सामग्री की किट (kit)के लिये 90-92 हजार रुपए में खरीदने को मजबूर कर रहे हैं। तुर्रा ये कि जिला स्तर केे अधिकारी इस बात की जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं।

इस अनियमितता (irregularity) के तहत मैनपुर (mainpur) ब्लॉक की कुछ पंचायतों (gram panchayat) के सचिवों को उक्त राशि का बिल भी थमाया जा रहा है और कहा जा रहा है कि 14वें वित्त के मद से इसका भुगतान करना है। कुछ सरपंचों की मानें तो ये सब तब हो रहा है जब उनकी पंचायतों के सचिवों द्वारा उक्त सामग्रियां पहले ही खरीदी जा चुकी हैं और इनका इस्तेमाल भी हो चुका है या हो रहा है।

किट में दी जा रही ये सामग्रियां

दरअसल अब मैनपुर विकासखंड की कुछ पंचायतों के सचिवों को जिला पंचायत गरियाबंद (gariaband distric panchayat) द्वारा बिना मांग (without demand) के ही कोरोना (corona) से निपटने के नाम पर एन 95 मास्क, सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन, पीपीपी सूट, हेंड सेनेटाइजर, स्पेयर पंप भेजा जा रहा है। इन संपूर्ण सामग्रियों की किट (kit) बनाकर भेजी जा रही है और कीमत बताई जा रही है 90-92 हजार रुपए। जबकि जानकारों का कहना है कि इस सामग्री की सही कीमत बाजार में 18 से 20 हजार रुपए है।

सवाल इसलिए भी

गरियाबंद जिला अंतर्गत विकास खण्ड मैनपुर की अधिकांश ग्राम पंचायतों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 14वें वित्त की राशि का उपायोग कर सरपंच व सचिव द्वारा पहले से ही कोरोना महामारी से निपटने के लिये महिला समूहों के माध्यम से मास्क बनवाकर अपनी-अपनी पंचायतों में बंटवा दिया था। साथ ही विकासखण्ड की सभी पंचायतों ने अपने अपने क्षेत्रों में अपने अपने स्तर पर सेनिटाइजर का भी छिड़काव कर दिया था। लेकिन अब इन्हीं पंचायतों को जिला पंचायत से भी बिना मांग किये हुए 90-92 हजार रुपये की कोरोना से बचाव हेतु किट खरीदना मजबूरी बन गई है।

मामला सरपंचों की जुबानी

भुगतान 14वें वित्त योजना मद से करने को कहा गया
सूत्रों की मानें तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मैनपुर द्वारा कुछ पंचायतों के सचिवों को बाकायदा यह सामग्री (90-92 हजार की किट) बिल पकड़ाकर दी जा रही है। उन्हें कहा जा रहा है कि यह सामग्री जिला पंचायत गरियाबंद से भेजी गई है। इसका बिल भुगतान 14वें वित्त योजना मद से आरके फॉर्मास्युटिकल रायपुर की फर्म को करना है। अब पंचायतों के सचिव सकते में आ चुके हैं। अधिकांश सचिवों द्वारा पहले से ही इस महामारी से बचाव व साफ सफाई के लिए मास्क, सेनेटाइजर सहित अन्य सामग्रियों पर अपनी पंचायतों में पहले ही खर्च कर चुके हैं । उन्हें अब इसकी कोई जरूरत भी नहीं है। ना ही उन्होंने ऐसी किसी सामग्री की मांग ही की थी।

बड़ी पंचायतों को एक-दो लाख का सामान

कुछ सरपंचों से पूछने पर उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिला पंचायत स्तर से दबाव के कारण 18 से 20 हजार का सामान दिया गया है और 90से 92हजार रुपए का भुगतान करने को कहा गया है बिल भी दिया गया है। वहीं ब्लॉक की कुछ बड़ी पंचायतों के लिए एक से दो लाख रुपए तक का सामान यहां से क्रय कराया जा रहा है। जिनकी तीखी आलोचना पंचायतों में देखी जा रही है। लेकिन वे इसके खिलाफ कुछ नहीं बोल पा रहे हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

मेरी जानकारी में ऐसी जानकारी नहीं है। आपके माध्यम से पता चला है, जांच करवाएंगे।
श्याम धवड़े, कलेक्टर,

गरियाबंदयहां संबंधित सामग्री कहां से और किसने भेजी है मेरी जानकारी में नहीं है।
-नरसिंह ध्रुव, सीईओ, जनपद पंचायत मैनपुर


जिला पंचायत की ओर से ऐसी कोई किट बांटी नहीं जा रही। कोरोना महमारी से निपटने के लिए पंचायतें खुद सक्षम है।
-विनय कुमार लंगेह, सीईओ, जिला पंचायत गरियाबंद

इस संबंध में मुझे जानकारी नही है जिला पंचायत से पूछ कर की बता पाऊंगा।
-संजय नेताम, जिला पंचायत उपाध्यक्ष

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