रायपुर/नवप्रदेश। कोरोना (corona) से निपटने छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) सुप्रीमो अजीत जोगी (former cm ajit jogi suggestion) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi) को बड़ी सलाह दी है। जाेगी (former cm jogi suggestion) ने पीएम मोदी (pm modi) को कोरोना से निपटने 70 हजार करोड़ की अनक्लेम्ड (unclaimed amount) रकम की याद दिलाई है।
पीएम मोदी को लिखे खत में जोगी ने कोरोना (corona) वायरस से निपटने के लिए अनक्लेम्ड (unclaimed amount) 70 हजार करोड़ रुपए के इस्तेमाल की फायदेमंद सलाह दी है। जोगी ने रहस्योद्घाटन करते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण से देश में लॉकडाउन है। ऐसे में कारोबार, आर्थिक आपातकाल जैसी स्थिति निर्मित हो गई है। व्यापार, परिवहन समेत अंतर्राष्ट्रीय कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वहीं दसियों साल से बैंकों, बीमा कंपनियों पोस्ट ऑफिस, प्रोविडेंट फंड, स्टॉक मार्केट इत्यादि में जमा करीब 70 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि का कोई दावेदार नहीं है। यह अनक्लेम्ड राशि जो हजारों करोड़ रुपए है वह देशहित के लिए उपयोग में लाई जा सकती है।
इन कामों के लिए राशि खर्च करने की सलाह
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मुताबिक कोरोना (corona) वायरस के संक्रमण से बचने, नई जांच किट और आवश्यक दवाओं के अलावा नए आईसीयू वार्ड निर्माण में इन बिना दावों वाली राशि जो बेकार पड़ी हुई है उसका सदुपयोग किया जा सकता है। बता दें कि एक तरफ आर्थिक नुक्सान का आंकलन करें तो लॉकडाउन से रोजाना कई अरब डॉलर का नुक्सान भारत को हुआ है। ऐसे में अनक्लेम्ड डिपॉजिट पैसों का केंद्र सरकार उपयोग कर सकती है। अजीत जोगी ने अपील की है कि नीतिगत निर्णय लेते हुए यह सुझाव अमल में लाये जाने पर देश को कोरोना से लड़ने के लिए एक बड़ी राशि मिल सकती है।
सांसद, विधायक, अफसर सभी दे रहे वेतन
बता दें कि केंद्र सरकार और कई राज्यों की सरकारों ने जनप्रतिनिधियों जैसे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों ने वेतन के अलावा देय निधियों को भी कोरोना (corona) से लड़ने में बतौर आर्थिक सहयोग दे दिया है। सीएम फंड, कोरोना रिलीफ फंड के साथ ही पीएम आपदा फंड में पूरा देश आर्थिक सहयोग कर रहा है। फिल्मी सितारें, बड़े बिजनेस मैन और आम जनता भी लगातार डोनेट कर रही है। ऐसे में पूर्व सीएम अजीत जोगी व्दारा अनक्लेम्ड डिपॉजिट राशियों का सदुपयोग करने की सलाह वाला पत्र चर्चा में है।
यहां जमा है बिना दावेदारी वाला पैसा
बैंक, बीमा, पोस्ट ऑफिस, प्रोविडेंट फंड, स्टॉक मार्केट इत्यादि
क्या है अनक्लेम्ड डिपॉजिट राशि
वर्तमान में भारत के विभिन्न बैंकों और इन्योरेंस कंपनियों में 32,000 करोड़ रूपए से भी ज्यादा की राशि अनक्लेम्ड डिपाजिट है। अनक्लेम्ड डिपाजिट उस रकम को कहा जाता है जिसपर पिछले 10 वर्षों में किसी ने भी दावा नहीं किया हो। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जुलाई 2019 में लोकसभा को दिए गए लिखित जवाब के अनुसार वर्ष 2018 तक देश की बैंकों में 14,578 करोड़ रूपए अनक्लेम्ड डिपाजिट के रूप में जमा है। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 2,156 करोड़ रूपए जमा है। वहीँ इन्श्योरेंस कंपनियों में 17,887 करोड़ रूपए अनक्लेम्ड डिपाजिट हैं। इसमें देश की सबसे बड़ी इन्श्योरेंस कंपनी एलआईसी का अकेले 12,892 करोड़ रूपए अनक्लेम्ड डिपाजिट के रूप में जमा है। इस प्रकार वर्ष 2018 तक देश की बैंकों और इन्श्योरें कंपनियों में 32,465 करोड़ रूपए अनक्लेम्ड डिपाजिट के रूप में जमा है। वर्ष 2019 की गणना करने पर यह राशि और बढ़ जायेगी।
निजी एजेंसी का दावा 70 हजार करोड़ का
एक निजी एजेंसी के सर्वे के अनुसार प्रोविडेंट फण्ड, पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं, स्टॉक मार्केट, म्यूच्यूअल फण्ड आदि में भी बहुत राशि अनक्लेम्ड डिपाजिट के रूप में जमा है। यदि बैंकों और इन्श्योरेंस कंपनियों की राशि में उपरोक्त संस्थाओं की राशि भी जोड़ दी जाए तो देश में अनक्लेम्ड डिपाजिट की कुल राशि 70,000 करोड़ से भी ज्यादा की है।