लंदन । कोरोना (corona effect) के कहर का डेयरी व्यवसाय (dairy business) पर भी देखने को मिल रही है। दरअसल बड़ी डेयरी कंपनियों द्वारा दुग्ध परिवहन में लगे अपने वाहनों को किसानों के गौ पालन केंद्रों को नहीं भेजे जा रहे हैं। और इसका खामियाजा गौ पालन केंद्रों के किसानों को भुगतना पड़ रहा है। सोमवार को ही एक ऐसे गौ पालन केंद्र के संचालक की बेटी ने रोते हुए दो हजार लीटर दूध (milk thrown away) नाले में बहा दिया गया।
डेयरी व्यवसाय (dairy business) पर कोरोना (corona effect) के बुरे असर का यह मामला ब्रिटेन (Britain corona) के स्टेफोर्डशायर के ओलटन गांव का है। यहां करीब 120 एकड़ में गैरी अंडरवुड का गौपालन केंद्र है। उनके केंद्र से इंग्लैंड की सबसे बड़ी डेयरी फ्रेसवे को दूध (milk thrown away) सप्लाई किया जाता है। सोमवार को गैरी के परिवार ने भी रोज की तरह गायों का दूध निकाला। यह क्रिमी व फेट से भरा हुआ दूध गैरी के परिवार ने टैंकर में भर दिया, जिसे फ्रैशवे की गाड़ी लेकर जाने वाली थी।
लेकिन इसके थोड़ी देर बाद गैरी को मैसेज आता है कि आज गाड़ी नहीं आएगी। वाहन ड्राइवर बीमार है। अब चूंकि शाम को भी गैरी को गायों का दूध निकालना था, जो कि दो हजार लीटर ही होता तो उसकी बेटियों-एलिसा और मेलिसा ने रोते हुए पूरा दो हजार लीटर दूध नाले में बहा दिया। क्योंकि उनके पास दूध को स्टोर करने के लिए कोई अन्य व्यवस्था नहीं थी।
दूध क्या, पैसा ही बहा दिया नाले में
पूरे मामले में गैरी ने कहा कि चार पीढ़ियों से चले आ रहे इस व्यवसाय में कभी दूध बहाने का मौका नहीं आया। हमें इस दूध का पैसा भी नहीं मिलेगा। यह व्यर्थ में चला गया। वास्तव में पैसा ही नाले में बह गया।
10 हजार किसान रोज लाखों लीटर दूध् फेंकने को मजबूर
ये आलम ब्रिटेन (Britain corona) के गांवों में हर दिन देखने को मिलता है। हर करीब 10 हजार किसान लाखों लीटर ताजा दूध फेंकने का मजबूर हो जाते हैं। दरअसल इसके पीछे की वजह यह है कि कोरोना वायरस इमरजेंसी के कारण दूध की सप्लाई चेन ब्रिटेन में पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। हफ्ते हो गए तो ब्रिटेन में पब, रेस्टारेंट, कॉफी शॉप बंद है, जो कि करीब 2 करोड़ लीटर दूध की खरीदी करते हैं।