नई दिल्ली/नवप्रदेश। कोरोना (corona effect) वायरस के प्रकोप ने नाई, धोबी, मोची (cobbler, barber, launder) और हलवाई जैसे हुनर के कई उस्तादों को जीवन यापन करने के लिए सब्जी (selling vegetables) बेचने का काम करने पर मजबूर कर दिया है।
कोरोना (corona effect) के मद्देनजर देशभर में लॉकडाउन लागू होने के कारण नाई, धोबी, मोची (cobbler, barber, launder) और हलवाई का काम बंद हो गया है जिसके कारण उनके परिवार के समक्ष दो वक्त की रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
उस्तरा चलाने पर संतुलन साधने में माहिर हाथ, कपड़े पर इस्त्री के समय सजग दिमाग, तेज और नुकीले औजार से अपनी कला को नया स्वरूप देने वाले तथा अनुभवी हाथों से लजीज व्यंजन तैयार करने वाले लोग इन दिनों सब्जी (selling vegetables) का ठेला ठेल रहे हैं।
नाई ने कहा- दाढ़ी बनाने घर से नहीं निकल रहे लोग
राष्ट्रीय राजधानी में आज कल ठेला पर सब्जी बेचने वाले एक नाई ने बताया कि वह शहर के चौक चौराहों पर कुर्सी नहीं लगा पा रहा है। नाईयों का कहना है कि दाढ़ी बनाना और बाल काटना एक निरंतर प्रक्रिया है लेकिन सख्ती के कारण लोगों ने इसके लिए घरों से निकलना बंद कर दिया है। नाई का मानना है कि सब्जी का व्यवसाय कम पूंजी में हो जाता है और इसे घूम घूम कर बेचने में सख्ती भी नहीं है जिससे परिवार चलाने लायक कमाई हो जाती है।
मोची बोला- पॉलिश का काम बंद, साझेदारी में बेच रहे सब्जी
सब्जी बेच रहे एक मोची ने बताया कि दफ्तर और परिवहन के साधनों के बंद होने से लोग घर के बाहर कम निकल रहे हैं जिससे पॉलिश का काम बंद हो गया है। वैसे भी सड़क किनारे बैठने पर रोक के कारण वह अपने दोस्त के साथ साझेदारी में सब्जी बेच रहा है।
धोबी बोला-चलती-फिरती दुकान पर सख्त नहीं प्रशासन
शारीरिक रूप से कमजोर लेकिन साफ-सफाई को लेकर जागरूक कई धोबी ने अपने पुश्तैनी धंधे को छोड़कर ठेला पर फल बेचना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि उनकी चलती फिरती दुकान पर प्रशासन सख्त नहीं है क्योंकि फल और सब्जी रोजमर्रा की जरूरत है।
हलवाई नहीं ले पा रहे निर्णय
दुकान के भीतर मिठाई और खाने पीने का अन्य सामान तैयार करने वाले हलवाई तुरंत नए व्यवसाय को लेकर ठोस निर्णय नहीं कर पा रहे हैं। कबाड़ी, ठेला, रिक्शा चलाने और इस प्रकार के अन्य कार्य करने वाले ज्यादातर लोग साझेदारी में सब्जी बेच रहे हैं।
ई रिक्शा का उपयोग सब्जी बेचने में
दर्जी का काम कर अपने परिवार की परवरिश करने वाले लोग नए पेशे की तलाश को लेकर उधेड़ बुन में लगे हैं। ई-रिक्शा के चलने पर भी पाबंदी है लेकिन इसे चलाने वाले लोग इसका इस्तेमाल सब्जी बेचने में करते दिख रहे हैं।