नागपुर/नवप्रदेश। कोरोना (corona death) से यदि किसी मरीज का निधन हो जाए तो उसके परिजनों का एक सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। नागपुर (nagpur) के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल (gmch) में सामने आए इस मामले को अंत तक पढ़ लीजिए तो समझ आ जाएगा कि सावधानी कितनी जरूरी है।
जब कोरोना (corona death) की वजह से किसी का निधन हो जाता है तो अस्पताल प्रबंधन द्वारा उसके परिजनों को सूचना दी जाती है। लेकिन जब परिजन अस्पताल पहुंचते हैं तो उन्हें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है। परिजनों को चाहिए कि वे बॉडी कवर को खुलवाकर पहले अच्छे से देख ले कि डेड बॉडी उन्हीं के किसी अपने की है या नहीं।
ये सावधानी इसलिए जरूरी है क्योंकि नागपुर (nagpur) के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल (gmch) में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें मौत किसी और की हुई और अस्पताल ने अंतिम दर्शन के लिए बुलाया किसी और के परिजन को। बुलाए गए परिजन में से कुछ ने अस्पताल की सूचना के अनुसार संबंधित मृतक को सुपुर्द ए खाक की तैयारी भी शुरू कर दी थी, लेकिन अस्पताल में पहुंचे बेटे ने शव के अंतिम दर्शन वक्त बताया कि वह शव उनके पिता का नहीं है।
जिस बेटे को बुलाया अंतिम दर्शन के लिए उनके पिता थे जीवित
यह सुनते ही नागपुर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में हड़कंप मच गया। बाद में पड़ताल करने पर पता चला कि जिस बेटे को उनके पिता के अंतिम दर्शन के लिए बुलाया गया था उनके पिता तो जीवित हैं और अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है। और जिनकी मौत हुई है वह कोई दूसरा ही शख्स है। जीएमसीएच के डीन डॉ. सजल मित्रा ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। डॉ. मित्रा के मुताबिक दोनों ही पेशेंट को लेकर काफी समानताएं थीं। जब दोनों को भर्ती किया गया था तो दोनों कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थे।