लंदन। कोरोना संकट (corona crisis) के बीच जर्मनी (germany allegation on america) ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि उसने यूरोपीय देशों के लिए आ रहे लाखें मास्क (mask for germany flown to america) को अपने कब्जे में ले लिया है।
जर्मनी (germany allegation on america) के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संकट (corona crisis) के बीच अमेरिका ने उनके द्वारा मंगाए गए 2 लाख मास्क (mask for germany flown to america) को बैंकॉक हवाईअड्डे से अपने यहां के लिए रवाना कर दिया। जर्मन अफसरों के मुताबिक ये मास्क उन्होंने चीन में स्थित 3 M फक्टरी से मंगाए थे।
चीन से हो रही थी सप्लाई
बता दें कि 3M अमेरिका आधारित कंपनी है। और अमेरिका ने इस कंपनी द्वारा कथित तौर पर जर्मनी के कोरोना वारियर्स के लिए भेजे जा रहे एफएफपी 2 व एफएफपी 3 मास्क को हथिया लिया। डेली मेल में प्रकाशित खबर के मुताबिक उक्त मास्क शंघाई स्थित 3 M फक्टरी द्वारा जर्मनी को भेजे जा रहे थे। बैंकॉक हवाईअड्डे पर इन्हें जर्मनी के लिए रिलोड किया जाना था। लेकिन ये मास्क बैंकॉक हवाईअड्डे पर इंटरसेप्ट कर लिए गए और अमेरिका को भेज दिए गए। बर्लिन के आंतरिक मामलों के मंत्री एंड्रियास गिसेल ने इसे माडर्न पायरेसी (आधुनिक डकैती ) करार दिया
बर्लिन के आंतरिक मामलों के मंत्री बोले- ये मॉडर्न पायरेसी
इस संबंध में गिसेल ने फाइनेंशियल टाइम्स से कहा, ‘आप अपने ट्रांसअटलांटिक पार्टन के साथ ऐसा नहीं कर सकते।‘ गिसेल ने जर्मनी की सरकार से कहा है कि वह अमेरिका पर अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने का दबाव बनाए। वहीं बर्लिन के मेयर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर सद्भाव की कमी का आरोप लगाया। बता दें कि कोरोना संकट के मद्देनजर अमेरिकी राष्ट्रपति अमेरिकियों को मास्क व अन्य सुरक्षात्मक उपकरण हर हाल में सुनिश्चित कराना चाहते हैं क्योंकि वहां इन चीजों का भंडार लगातार कम होता जा रहा है।
फ्रांस ने भी अमेरिका पर लगाया ये आरोप
अमेरिका को फ्रांस के गुस्से का भी सामना करना पड़ा है, जहां 64 हजार से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और 6 हजार 507 लोगों की मौत हो चुकी है। खबर के मुताबिक अमेरिका आयतकों ने गुरुवार को फ्रांस के लिए जा रहे फेस मास्क को तीगुने दाम देकर खरीद लिया। ये दावा फ्रांस के दो अधिकारियों ने किया है, लेकिन अमेरिका ने इसका खंडन किया है।