रायपुर/नवप्रदेश। कोरोना (corona chhattisgarh) से उत्पन्न स्थितियों व लॉकडाउन (lock down) में जिस तरह पूरे देश की चिंता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिंतित हैं, उसी तरह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm baghel action) भी छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) की जनता और बाहरी राज्यों में फंसे हर एक छत्तीसगढिय़ां के लिए फिक्रमंद हैं।
कोरोना (corona chhattisgarh) संक्रमण के बचाव के लिए लागू लॉकडाउन (lock down) पीरियड में गांव में कोई भी भूखा ना रहे इसके लिए भूपेश सरकार ने ठोस कदम उठाया है। गरीबों और मजदूरों को लॉकडाउन में राशन, खाद्य सामग्री मुफ्त में दिए जाने वाले कार्यों की भी रोज समीक्षा कर रहे हैं। बाहरी राज्यों में काम की तलाश में फंसे छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के मजदूर, छात्रों, नौकरीपेशा लोगों के लिए भी उन राज्यों के सीएम से बघेल (cm baghel action) ने फोन पर संपर्क कर जानकारी ले रहे हैं।
बाहरी राज्यों में फंसे लोगों के लिए राहत पैकेेज
इतना ही नहीं सीएम बघेल ने बाहरी राज्यों में फंसे अपने लोगों के लिए राहत पैकेज तक दिया है। दिल, दिमाग और हिम्मत देने के साथ ही कालाबाजारी व मुनाफाखोरी करने वालों के लिए जो सख्ती की जा रही है उसी का नतीजा है कि राशन, सब्जी, फल से लेकर दैनिक वस्तु के सामानों की कीमत पूरी तरह नियंत्रण में है। सीएम भूपेश बघेल निरंबतर वीडियो, ऑडियो मैसेज व फोन पर जनता, जनप्रतिनिधियों के अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों से भी वन टू वन कर रहे हैं।
सीधे कॉल कर इन वर्गों से हुए रुबरू
मुख्यमंत्री ने अपने निवास से फोन के जरिये इनसे बातचीत की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों की हर संभव मदद के लिए पूरे प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में रहने वाले किसान, मजदूर, नर्स, ग्रामीण, सफाईकर्मी, सब्जी दुकानदार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और महिला सरपंच से बातचीत की। एम्स के निदेशक से कोरोना मरीजों की हेल्थ अपडेट्स लिए। भूपेश बघेल ने आज एम्स के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर से टेलीफोन पर बात कर उनसे वहां भर्ती कोरोना के मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। डॉ नागरकर ने मुख्यमंत्री को बताया कि इन मरीजों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है, उनकी हालत स्थिर है।
सरपंच कुंती की सराहना और दी नसीहत
जशपुर के ग्राम पंचायत जूजगु की महिला सरपंच कुंती बनवासी से फोन पर सीएम ने पूछा कि उनकी ग्राम पंचायत में उचित मूल्य की दुकान से राशन मिलना शुरू हुआ है या नहीं। कुंती ने बताया कि दो माह के राशन का वितरण प्रारंभ कर दिया गया है। लोगों को घर पहुंचाकर चावल दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने उनके इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि राशन पहुंचाते समय यह भी ध्यान रखें कि ज्यादा भीड़-भाड़ ना हो। मुख्यमंत्री ने स्कूलों के बच्चों को मध्यान्ह भोजन की पूर्ति भी सुनिश्चित करने कहा।
बाहर फंसे मजदूरों के लिए 3.80 करोड़ दिए
वेतन, चिकित्सा, भोजन और ठहरने के साथ ही परिवहन की जरुरतें पूरी की जा सके इसके लिए सीएम बघेल ने श्रम विभाग को संकट में मजदूरों के लिए राहत राशि मंजूर की है। कोई भी दिक्कत न आए और उनकी जरुरतें पूरी हों इसके लिए सीएम भूपेश बघेल ने 3 करोड़ 80 लाख रुपए राशि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा प्रदेश के सभी जिलों को जारी की गई है। मण्डल द्वारा जारी राशि में रायपुर, बलौदाबाजार, बिलासपुर, महासमुन्द, कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बस्तर, सरगुजा, दुर्ग और राजनांदगांव के सहायक श्रमायुक्त को 20-20 लाख रूपए जारी किया गया है। इसी तरह गरियाबंद, धमतरी, मुंगेली, कोण्डागांव, कांकेर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया, जशपुर, बालोद, बेमेतरा और कवर्धा के श्रम पदाधिकारी को 10-10 लाख रूपए की राशि जारी की गई है।
गरीब-श्रमिकों को एक कॉल पर दी ये सुविधा
श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता का अंदाता इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने हेल्पलाइन पर आए फोन पर 68 लाख की सहायता, 15 लाख का एडवांस वेतन, राशन, भोजन, मास्क, सेनेटाईजर जैसी कई व्यवस्थाएं तत्काल देने के लिए निर्देशित किया है। राज्य में सिर्फ असंगठित क्षेत्र के 32 लाख श्रमिक हैं। वहीं संगठित क्षेत्र के तीन लाख। यानी 35 लाख की अधिकारिक संख्या है। इसके अलावा भी बड़ी संख्या में ऐसे श्रमिक हैं, जिनका पंजीयन नहीं हुआ है। प्रवासी श्रमिकों को रुकाने के लिए स्कूलों, छात्रावासों और विश्रामगृहों को उनके लिए रिजर्व कर दिया है। दूसरे राज्यों से लौटने वाले श्रमिकों को वहां भोजन-पानी के साथ ही मेडिकल सुविधाएं भी दी जाएगी।
हेल्पलाइन पर मिली सूचना पर श्रमिकों को दिलाया एडवांस वेतन
हेल्पलाइन नंबर 0771-2443809 और 91098-49992 में प्राप्त 413 सूचनाओं पर तत्काल कार्यवाही करते हुए जरूरतमंद श्रमिकों को 2957 श्रमिकों तक 214 किलो चावल, 10 किलो दाल तत्काल पहुंचाया गया। विभिन्न कारखाना प्रबंधकों व ठेकेदारों के माध्यम से मजदूरों के लिए राशन ही नहीं बल्कि 57 लाख रुपए में जरुरी व्यवस्था भी दी गई है। रायगढ़ में श्रमिकों को 15 दिन के वेतन के बराबर एडवांस में 14 लाख 39 हजार 550 रूपए और कोरबा जिले में श्रमिकों को 60 हजार रूपए एडवांस सेलरी नियोजक द्वारा दिलवाया गया है।
श्रमिकों का थर्मल मशीन से परीक्षण के निर्देश
कारखाना के अंदर आने-जाने वाले श्रमिकों तथा कर्मचारियों का थर्मल मशीन द्वारा परीक्षण करने के भी निर्देश दिए गए। बस्तर (जगदलपुर) जिले के नगरनार में श्रमिकों के लिए पर्याप्त राशन आदि उपलब्ध कराने आदि निर्देशित किए गए हैं। दंतेवाड़ा जिले में कारखाना बंद है।
इसी प्रकार अधिकारियों द्वारा सरगुजा जिले के तुर्रापानी, लखनपुर और चिकलीहीडीह तथा उदयपुर, दुर्ग जिले के रसमड़ा, जामुल, बेमेतरा जिले के कुसमी, करेली, पिरदा और कवर्धा जिले के पण्डरिया, कवर्धा के कारखानों का भी नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान श्रमिकों के लिए पेट्रोल एवं भोजन की व्यवस्था के साथ-साथ मास्क और सेनेटाईजर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने जारी नियमानुसार सामाजिक दूरी बनाए रखने के भी निर्देश दिए हैं।