यशवंत रजवाड़े
बैकुंठपुर/नवप्रदेश। कोरोना (corona) वायरस लगातार अपना कहर बरपा रहा है। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh corona) भी इसके असर से अछूता नहीं है। ऐसी वैश्विक महामारी में लोग घरों से ही सही लेकिन प्रार्थना कर रहे हैं कि यह कोरोना वायरस जल्द खत्म हो जाए। लेकिन कोरोना (corona) से उत्पन्न इस सबके बीच भी कुछ लोग अब भी ऐसे हैं जो इस कोरोना (corona) महामारी से अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हुए हैं।
मानों उन्होंने कोरोना को हरा दिया हो। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh corona) के कोरिया (koria district) जिले के एकमात्र नगर निगम चिरमिरी की ही बात कर लेते हैं। यहां सामने आए एक मामले से ऐसा लग रहा है मानों कुछ लोगों को अनियमितता कर अपनी स्वार्थ सिद्धि करने इस महामारी से भी खौफ नहीं खा रहे हैं।
दरअसल कोरिया (koria district) केे चिरिमिरी नगर निगम (chirmiri nagar nigam) में फर्जी कंपनी से गुणवत्ताहीन सैनिटाइजर (sanitizer) खरीदी का मामला उजागर हुआ है। इसकी जानकारी जिला प्रशासन को होते ही जांच अधिकारियों की टीम चिरमिरी पहुंची। लेकिन बिना निविदा खरीदी की गई सामग्री को क्षेत्र में पार्षदों की ओर से वार्ड वासियों को ये सैनिटाइजर (sanitizer) बांट भी दिया गया है।
जिला प्रशासन ने शुरू की जांच
जिला प्रशासन ने फर्जी कंपनी के जरिए सैनिटाइजर (sanitzer) खरीदने की शिकायत को गंभीरता से लिया है। जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व ड्रग इंस्पेक्टर तक जांच के लिए निगम (chirmiri nagar nigam) कार्यालय पहुंचे।
अफसरों के पहुंचते ही निगम कार्यालय में हड़कंप मच गया। ड्रग इंस्पेक्टर ने सभी दस्तावेज और कागज देखते हुए सैनिटाइजर के सैंपल लिए हैं। हालांकि मामले में अफसरों ने फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही मामला स्पष्ट हो पाएगा। वहीं यह सामग्री निगम तक कैसे व किसके निर्देश पर पहुंची इस संबंध में भी पूछताछ की गई है।
ये है मामला
मिली जानकारी अनुसार चिरमिरी में पार्षद निधि से कोरोना (corona) से बचाव के लिए आशीष केमिकल इंडस्ट्री इंदौर के नाम से स्टेप डी सैनिटाइजर खरीदा गया। इसका वितरण भी शुरू हो गया। इसका खुलासा होने के बाद नगर निगम के अधिकारियों में खलबली मची हुई है। कई पार्षद भी खुलासे से बेहद परेशान हैं। कई पार्षदों ने तो इसकी जांच करवाने की भी मांग कर दी। उल्लेखनीय है कि निगम ने 2 कंपनी से सैनेटाइजर खरीदा है। इसमें एक कंपनी के प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
कंपनी बोली ये तो हमने बनाया ही नहीं
मामले में आशीष केमिकल्स की ओर से बताया गया कि कंपनी ने हैंड सैनिटाइजर को तैयार नहीं किया है, यह नकली प्रोडक्ट है। वहीं दूसरा ब्रांड जीनियस है, जिसे मप्र रायसेन के सोम डिस्टिललेरिएस ने तैयार किया है। इस प्रोडक्ट पर कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर भी अंकित है। आशीष केमिकल्स के अनुसार इंदौर में इस नाम से 2 साल पहले चल रही कंपनी वाइंडअप हो चुकी है।
यह कंपनी अब मैजिक अरोमा के नाम से इंदौर के पालदा रोड में संचालित है। प्रोडक्ट को लेकर पूछे गए सवाल पर कंपनी संचालक की ओर से कहा गया कि उनके पास स्टॉक ही नहीं है। वे इंदौर नगर निगम को ही प्रोडक्ट उपलब्ध नहीं करा सकते है। ऐसे में चिरमिरी नगर निगम तक उनका प्रोडक्ट पहुंचाना तो दूर की बात है। प्रोडक्ट की तस्वीर देखते हुए कहा कि यह नकली है। ऐसे किसी कंपनी के साथ मार्केटिंग नहीं की गई।
मार्केटिंग करने वाली कंपनी रजिस्टर्ड नहीं
स्टेप डी ब्रांड हैंड सैनेटाइजर की मार्केटिंग बनॉय फार्मा की ओर से की जा रही है। जानकारी के अनुसार कंपनी छग स्टेट फार्मेसी काउंसिल व खाद्य व औषधि विभाग में रजिस्टर्ड नहीं है। नियमानुसार कंपनी को अपने प्रोडक्ट बेचने से पहले छग शासन से एनओसी लेनी थी। दूसरी ओर नगरीय प्रशासन भी बगैर जांच पड़ताल के स्वास्थ्य विभाग के अमले के साथ सैनेटाइजर डोर-टू-डोर पहुंचा रहा है जो कि अब जांच का विषय है ।
जांच रिपोर्ट आने पर करेंगे कार्रवाई
यदि प्रोडक्ट पर ड्रग लाइसेंस नंबर, बैच नंबर नहीं है तो इसका मतलब है कि प्रोडक्ट बनाने या बेचने वाली कंपनी रजिस्टर्ड नहीं है। यह नकली हो सकता है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद रिपोर्ट आने पर कार्रवाई करेंगे। सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनी ने यहां तक प्रोडक्ट कैसे पहुंचाया इसको लेकर पतासाजी की जा रही है।-संजय नेताम, जिला ड्रग अधिकारी