रायपुर/नवप्रदेश। कोरोना (corona) संक्रमितों के इलाज को लेकर एम्स रायपुर (aims raipur) के चिकित्सक और वैज्ञानिक सार्क देशों के साथ अपने अनुभव साझा (sharing experience with saarc nations) करने की तैयारी कर रहे हैं।
एम्स रायपुर (aims raipur) के चिकित्सकों तथा वैैज्ञानिकों द्वारा सार्क देशों के चिकित्सकों को बताया जाएगा (sharing experience with saarc nations) कि किस प्रकार उन्हें कोरोना (corona) से िनपटने में सफलता मिल रही है। एम्स रायपुर द्वारा इन अनुभवों को अन्य देशों के चिकित्सकों को बताकर उन्हें कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने के लिए अपनाई गई रणनीति समझायी जाएगी।
13-20 अप्रैल के बीच होगी ऑन लाइन कॉन्फ्रेंस : उप निदेशक
एम्स के उपनिदेशक (प्रशासन) नीरेश शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क देशों के प्रधानमंत्रियों के साथ वार्ता में इसके लिए प्रस्ताव रखा था। इसी के अनुरूप 13 से 20 अप्रैल के मध्य सार्क देशों के चिकित्सकों और वैज्ञानिकों की ऑन लाइन कांफ्रेंस वेबनायर आयोजित करने का प्रस्ताव है। इसमें एम्स दिल्ली के साथ ही एम्स रायपुर के चिकित्सक भी भाग लेंगे। इस वेबनायर में सार्क देशों के प्रतिनिधि मिलकर कोरोना वायरस की चुनौती के बारे में संयुक्त रणनीति पर विचार करेंगे और एक दूसरे के देशों में मिले अनुभवों को जानेंगे। उल्लेखनीय है कि एम्स छत्तीसगढ़ में अब तक 10 कोरोना पॉजिटिव केसे में से 7 को डिस्चार्ज किया है। इनमें से 6 का सफल इलाज एम्स में ही हुआ है।
रायपुर एम्स के अपनाए प्रोटोकॉल से लाभान्वित होंगे दूसरे देश : डॉ. नागरकर
एम्स के निदेशक प्रो. डॉ. नितिन एम नागरकर का कहना है कि यह एम्स रायपुर के लिए अति महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां के चिकित्सकों ने अब तक कोरोना वायरस से पीड़ित छह रोगियों को ठीक करके भेज दिया है। ऐसे में एम्स रायपुर द्वारा जो प्रोटोकॉल अपनाया गया है उसे अन्य देशों के साथ साझा किया जाएगा जिससे वे भी इससे लाभान्वित हो सके। यह ज्ञान को साझा करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल का ही भाग होगा।