Controversial Statement : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और मौजूदा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राष्ट्रपति पद की द्रोपदी मूर्मु को लेकर जो टिप्पणी की है वह एक आदिवासी महिला का अपमान है। एनडीए की ओर से घोषित राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रोपदी मूर्मु के बारे में तेजस्वी यादव ने कहा है कि वे एक रबर स्टाम्प बनेंगी। उनका कहना है कि हमे राष्ट्रपति भवन में कोई मूर्ति नहीं बिठाना है। तेजस्वी यादव के ये बिगड़े बोल उनकी मानसिकता को दिखाते है।
देश के सर्वोच्च पद के लिए चुनाव लड़ रही द्रोपदी मूर्मु के बारे में ऐसी अवांछनीय टिका टिप्पणी करना किसी को भी शोभा नहीं देता। तेजस्वी यादव जो खुद लिखा हुआ भाषण बगैर अटके पढ़ नही पाते उनका कहना है कि किसी ने भी द्रोपदी मूर्मु को भाषण देते हुए नहीं देखा है और न ही उन्होने चुनाव प्रचार के दौरान कहीं भी प्रेस कांफ्रेंस की है। इस तरह की बेतूका बात करने से पहले तेजस्वी यादव को यह सोचना चाहिए कि द्रोपदी मूर्मु पूर्व में पार्षद, विधायक और मंत्री रह चुकी है इसके बाद वे राज्यपाल बनी थी इसलिए उनकी योग्यता पर सवाल उठाना (Controversial Statement) हास्यास्पद है।
तेजस्वी यादव को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उनकी अनपढ़ मां राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री बन गई थी। उनके पिता लालू यादव जब चारा घोटाले में पहली बार जेल गए थे तो उन्होने राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा दिया था। सही मायनों में राबड़ी देवी रबर स्टांप थी। खुद तेजस्वी यादव दंसवी कक्षा तक पढ़े हुए है और वे राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी की योग्यता पर सवाल उठा रहे है। इस तरह के विवादास्पद बयानों से उन्हे कोई लाभ नहीं होगा उल्टे इसका उन्हे नुकसान ही उठाना पड़ेगा।
उनका यह बयान आदिवासी समुदाय और महिलाएं याद रखेंगी और आने वाले समय में इसका जवाब देंगी। इसी तरह यूपीए की ओर से घोषित राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ने भी अपने चुनाव प्रचार के दौरान एनडीए की ओर से घोषित राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रोपदी मूर्मु को लेकर विवादास्पद बयानबाजी की थी। उन्होने ने भी उन्हे रबर स्टांप बताया था और उनकी योग्यता पर सवालिया निशान (Controversial Statement) लगाए थे।
खुद की लकीर को बड़ा साबित करने के लिए दूसरे की लकीर को मिटाने की उनकी यह कोशिश उनपर ही भारी पड़ सकती है। यशवंत सिन्हा के चुनाव जीतने की तो दूर दूर तक कोई संभावना नहीं है लेकिन उन्होने जिस तरह की बयानबाजी की है और उनके समर्थक तेजस्वी यादव जैसे नेताओं ने जो अवांछनीय टिकाटिप्पणी की है उसे देखते हुए यशवंत सिन्हा करारी हार नजर आ रही है।