Electrical Employees : भर्ती में अनुभव को प्राथमिकता के साथ बढ़ेगा वेतन
रायपुर/नवप्रदेश। Electrical Employees : छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल रविवार को प्रबंधन के आश्वासन के बाद ख़त्म हो गया। 12 दिनों से संविदा कर्मी अपने तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार से जवाब मांग रहे थे। अब जाकर प्रबंधन ने कर्मियों को आश्वासन दिया है।
छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारियों ने 10 अगस्त से अपने तीन सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन की शुरआत की थी। फ़जैसे जैसे दीं बढ़ता गया कर्मचारियों ने अपने आंदोलन के तरीके भी बदले। अंत में जाकर 50 कर्मियों ने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया था। इस अनशन के बाद करीब 11 कर्मचारियों की हालत भी बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती भी किया गया। इसके बावजूद भी संविदा कर्मी (Electrical Employees) अपने मांगों पर डटे रहे।
प्रदर्शन में अपनाये विभिन्न तरीके
नियमितीकरण समेत तीन मांगों को लेकर सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे ढाई हजार संविदा बिजली कर्मियों ने न केवल सिर मुंडवाया बल्कि माथे पर संविदा शब्द उकेरकर सभी का ध्यान भी अपनी ओर खींचा। इस आंदोलन को लगातार विभिन्न कर्मचारी संगठनों का समर्थन मिल रहा था। आंदोलन बढ़ता देखकर बिजली कंपनी के हाथ-पांव भी फूल गए थे।
कंपनी के अधिकारियों ने नियमों का हवाला देकर हड़ताल वापस लेकर काम पर लौटने की न केवल नसीहत दी है, बल्कि परिचारक (लाइन) के पंद्रह सौ पदों पर होने वाली भर्ती में भाग लेने पर अनुभव का लाभ देकर नियमित करने का लालीपाप भी दिखाया। लेकिन अपनी मांगों को लेकर अडिग संविदा कर्मी उम्मीद पर टीके रहे।
आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म
आखिरकार बिजली प्रबंधन को संविदा कर्मियों (Electrical Employees) के सामने झुकना पड़ा। रविवार को प्रबंधन ने संविदा कर्मियों के संघ के नेताओं से चर्चा की और तीन सूत्रीय मांगों पर आश्वासन दिया। जिसमे विद्युत संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के साथ ही प्राथमिकता क्रम में पहला मौका का आश्वासन दिया गया है।
इसके साथ ही संविदाकर्मचारियों का वेतन अब 8 हजार के बजाये 14 हजार रुपए प्रतिमाह किया गया है। कर्मचारी इस बार की भर्ती में नियमित ज्वॉइनिंग हासिल नहीं कर सकेंगे उनकी संविदा सेवा भी जारी रहेगी। काम के दौरान दुर्घटना की वजह से अपंग हुए संविदा कर्मचारियों को भी भर्ती के जरिए काम देने का प्रयास किया जायेगा
बिजली विभाग में 2200 संविदा कर्मियों के हड़ताल में जाने से प्रबंधन को कई दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा था। माना जा रहा है कि इन्ही सब कारणों को देखते हुए अब प्रबंधन कर्मियों को आश्वासन दिया है। लेकिन अब देखना है कि तय समय में यदि आश्वासन पूरा नहीं किया जाता तो दुबारा ये कर्मी उग्र हो सकते हैं।