-सरकारी संस्थाएं एवं कई बैंकों में मिले है कोरोना के मरीज
बिलासपुर । जिले में लगातार बढ़ते कोरोना संकमित (Continuously growing corona infected patients in the district) मरीजों का आकंड़ा देेखते हुए अब जनता लॉकडाउन लगाने की मांग (public is demanding the lockdown) कर रही है। अभी तक जिले में 5000 से अधिक एवं 80-90 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इसी को लेकर अब जनता लॉकडाउन की मांग करने लगी है।
जिले में देखा जाए तो अधिकांश क्षेत्रों व कई सरकारी संस्थाएं और बैंक शाखाओं में कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने से लोग भयभीत हो गए है। भयभीत बैंकर्स ने अपने 23 अगस्त 2020 के पत्र के संदर्भ में आज पुन: जिलाधीश कार्यालय, एसडीएम कार्यालय व मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में लिखित अनुरोध के साथ जिले के आर्थिक सिपाहियों की समस्याओं के निराकरण की मांग करते हुए बिलासपुर की जनता को सामुदायिक संक्रमण से बचाने का निवेदन किया गया हैं।
ऐसी समस्त शाखाओं कार्यालयों को आगामी 48 घंटे की अवधि तकसेनेटाइज करवाकर अनिवार्यता बंद रखा जाए, जिसमें विगत एक दो दिन में किसी भी पॉजिटिव के आने की जानकारी मिले। उस शाखाकार्यालय में कार्यरत सभी सदस्यों को 14 दिन के लिए होम कोरोनटायिन में रहने के निर्देश हो क्योंकि कुछ केस में पॉजिटिव रिपोर्ट 10-12 दिनों बाद आने से वे कर्मचारी बैंक 7 दिन बाद बैंक जाना शुरू कर देते हैं। इससे सामुदायिक संक्रमण के बढऩे की संभावना बनी रहती हैं।
बैंकर्स व उनके परिजनों का प्राथमिकता पर कोरोना टेस्ट भी करवायें तथा पॉजिटिव होने पर विशेष ईलाज की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए ! रायपुर की तरह बिलासपुर में भी कुछ मान्यता लैब में सशुल्क कोरोना टेस्ट की अनुमति दी जाए। ताकि बैंकर्स जनता की सेवा अवधि के बाद अपनी सुरक्षित जांच करवा सके। कोरोना कवच पॉलिसी होल्डरों के कैशलेश ईलाज हेतु कुछ बेड रिजर्व रखे जाए।
भारत सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन द्वारा संबंधित दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करे । शाखाओं को पुन: संचालित करने के पूर्व जिला प्रशासन के सक्षम अधिकारी तथा अग्रणी बैंक कार्यालय को अवश्य सूचित करें। जिलाधीश, एसडीएम महोदय व मुख्य चिकित्सा अधिकारी से लिखित आग्रह कर बैंकर्स के हितों की रक्षा की मांग की गई। क्योंकि प्रतिदिन बैंकों में सैकड़ों की तादात में आम जनता का आना जाना रहता हैं।
किसी सेट गाइडलाइंस के अभाव में भिन्न भिन्न बैंको में स्वविवेक पर अलग अलग निर्णय से जनता को परेशानी हो सकती हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग से संभावित संक्रमित की जांच भी हो जाएगी तथा उस विशेष पॉइंट पर रोक लगाने से संक्रमण के विस्तार को आसानी से रोका जा सकता है।