नवप्रदेश के पास इस पत्र की कॉपी
नई दिल्ली/नवप्रदेश। कांग्रेस अध्यक्ष (congress president) सोनिया गांधी (sonia gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi) को पत्र लिखा है, जिसे नवप्रदेश (navpradesh) लगातार उठाते आ रहा है। जिसको लेकर नवप्रदेश (navpradesh) के डिजिटिल व प्रिंट एडिशन में लगातार खबरें प्रकाशित की जा रही हैं।
ये मुद्दा है मेडिकल (medical) में ओबीसी (obc) आरक्षण (reservation) का। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष (congress president) सोनिया गांधी (sonia gandhi) ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi) से आग्रह किया कि देश के सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में ओबीसी आरक्षण की अनुपालना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के जरिए मेडिकल संस्थानों में होने वाले दाखिले के संदर्भ में ओबीसी छात्रों को आरक्षण की सुविधा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि ओबीसी (obc) वर्ग के अभ्यर्थियों को राज्यों के मेडिकल (medical) कॉलेजों में केंद्र सरकार नियंत्रित ऑल इंडिया कोटे की सीटों में प्रवेश में आरक्षण (reservation) देने से इनकार करना संविधान के 93वें संशोधन के मूल उद्देश्यों का उल्लंघन है। साथ ही यह ओबीसी के पात्र विद्यार्थियों के चिकित्सा शिक्षा अर्जन करने की राह में बाधा है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने ये कहा पीएम मोदी से
समता व सामाजिक न्याय के हित में दें रिजर्वेशन
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, समता और सामाजिक न्याय के हित में केंद्र सरकार से आग्रह करती हूं कि राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मेडिकल संस्थानों में भी मेडिकल एवं डेंटल के ऑल इंडिया कोटे के तहत ओबीसी छात्रों को आरक्षण दिया जाए।
ओबीसी छात्रों को गंवानी पड़ी 11 हजार से अधिक सीटें
कांग्रेस की शीर्ष नेता ने कहा कि ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर अदर बैकवर्ड क्लासेज की ओर से एकत्र किए गए आंकड़ों के मुताबिक, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मेडिकल शिक्षण संस्थानों में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं होने से 2017 के बाद से ओबीसी छात्रों को ऑल इंडिया कोटे की 11,000 से अधिक सीटें गंवानी पड़ी हैं।
ओबीसी को आरक्षण केंद्रीय संस्थानों तक ही सीमित
सोनिया ने कहा, ऑल इंडिया कोटा के तहत सभी केंद्रीय एवं प्रादेशिक मेडिकल शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचति जनजाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए क्रमश: 15, 7.5 और 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित होती हैं। लेकिन ऑल इंडिया कोटे के तहत ओबीसी छात्रों के लिए आरक्षण सिर्फ केंद्रीय संस्थानों में सीमित होता है।
ओबीसी छात्रों को यूजी की तुलना में पीजी में ज्यादा पीड़ा
मेडिकल की ऑल इंडिया कोटे की सीटों में आरक्षण का मामला ओबीसी के लिए यूजी की तुलना में पीजी (एमडी- एमएस) प्रवेश में और पीड़ादायक है। यूजी में आल इंडिया कोटा की सीटें 15 फीसदी हैं। जबिक पीजी, जहां नीट के जरिए प्रवेश दिया जाता है, में 50 फीसदी। इसके बावजूद इसमें (पीजी) भी ओबीसी आरक्षण शून्य है।
ये संगठन भी लगातार उठाते रहे मांग
राज्य सरकारों के मेडिकल कॉलेजों की ऑल-इंडिया कोटे की यूजी व पीजी की सीटों और नॅशनल लॉ यूनिवर्सिटी की यूजी व पीजी की सीटों के प्रवेश में ओबीसी को आरक्षण देने की मांग अखिल भारतीय अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक अधिकारी कर्मचारी संगठन (अपाक्स) भोपाल के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजी एपी पटेल, ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओबीसी ललित कुमार, भोपाल व छत्तीसगढ़ सोशल जस्टिस एंड लीगल सेल के संयोजक विनोद कुमार कोशले भी लगातार उठा रहे हैं।