लखीमपुर पर कांग्रेस का प्रदर्शन : यूपी सरकार को बर्खास्त करने की मांग
रायपुर/नवप्रदेश। Congress performance : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों को जीप से कुचलने की घटना के विरोध में कांग्रेस ने सोमवार को प्रदेश भर में मौन प्रदर्शन किया। रायपुर में वरिष्ठ नेताओं के साथ सैकड़ों नेता-कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट के पास डॉ. भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा के पास बैठे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम दंतेवाड़ा में धरने में शामिल हुए।
लखीमपुर खीरी कांड के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन (Congress performance) जारी है। सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर के जिला मुख्यालय पर मौन धरना शुरू किया है। रायपुर में जिला कांग्रेस की ओर से आयोजित प्रदर्शन में वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, महापौर एजाज ढेबर, महेंद्र छाबड़ा, युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कोको पाढ़ी, पंकज शर्मा और बंशी कन्नौजे सुबह 11 बजे से वहां बैठ गए। धरने पर माला जपते हुए बैठे विधायक सत्यनारायण शर्मा। प्रदर्शनकारियों ने हाथ में प्लेकार्ड ले रखे थे, जिस पर उत्तर प्रदेश की घटना का विरोध दर्ज है।
दंतेवाड़ा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, विधायक देवती कर्मा सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मौन व्रत धारण कर प्रदर्शन किया। मोहन मरकाम कोण्डागांव से दंतेश्वरी मंदिर तक की पदयात्रा पर हैं। वे दंतेवाड़ा पहुंचकर पहले प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनकारी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस इस मामले में लगातार आक्रामक है।
गरियाबंद में विधायक का धरना
गरियाबंद में विधायक अमितेश शुक्ला की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। विधायक अमितेश शुक्ला शहर में एफसीआई गोदाम के सामने ही मौन धरने पर बैठ गए। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा तथा उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को बर्खास्त करने की मांग उठाई।
प्रधानमंत्री पर भी साधा निशाना
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन (Congress performance) कर रहे किसानों को केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की खुली चेतावनी के बाद मंत्री एवं उनके परिवार के स्वामित्व वाली जीप के नीचे कुचल दिया गया। पूरे देश में विरोध व सुप्रीम कोर्ट के दखल के बावजूद मंत्री के खिलाफ कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं की। शुक्ला ने कहा, शर्म की बात है, कि देश के प्रधानमंत्री उक्त प्रकरण पर एक शब्द भी नही बोल रहे हैं।