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शुक्ल परिवार के लंबे राजनीतिक योगदान के बाद भी अनदेखी से दुखी
नवप्रदेश संवाददाता
रायपुर। पूरे पंद्रह साल सत्ता से बाहर रहने के बाद बल्क में कांग्रेस विधायक Congress MLA जीतकर तो आ गए हैं, सरकार भी बन गई और सिर्फ 13 ही मंत्री बनाए जा सकते हैं। ऐसे में 55 कांग्रेसी विधायक Congress MLA महज विधायक रह गए हैं। इसमें भी चित्रकोट विधायक दीपक बैज लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए। बकाया 54 को सत्ता का सुख सिर्फ मंत्री बनने से ही मिल सकता है।
ऐसे में हर कोई बेकरार है। खासकर वो वरिष्ठ जिन्होंने खानदानी सत्ता का स्वाद चखा हुआ है। इसमें छत्तीसगढ़ के सबसे पुराने राजनीतिक शुक्ल परिवार के चश्म-ओ-चिराग अमितेष शुक्ला Amitesh Shukla भी हैं। आज उनकी अनदेखी का दर्द यूं छलका कि वे प्रेस मीडिया के सामने ही उसे जाहिर कर गए।
पत्रकारों से बातों ही बातों में उन्हों ने शुक्ल परिवार के लंबे राजनैतिक योगदानों की दुहाई देते हुए दादा पंडित रविशंकर शुक्ल (मप्र.के प्रथम मुख्यमंत्री) और पिता स्व. पंडित श्यामाचरण शुक्ल के मुख्यमंत्री रहे होने के नाते खुद को मुख्यमंत्री नहीं तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री बनाए जाने की इच्छा जगजाहिर करने से गुरेज नहीं किये।
बता दें कि यह पहला अवसर नहीं है इससे पूर्व भी मंत्रीमंडल के गठन से पहले और बाद में भी वे मंत्री बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।
राजिम विधायक अमितेष शुक्ल Amitesh Shukla ने कहा कि सबसे पुराने कांग्रेसी परिवार होने और घर से दो-दो मुख्यमंत्री रहने वाले परिवार से हूं तो इच्छा मंत्री बनने की है, हालाकि उन्हों ने साथ ही यह भी कहा कि वैसे यह फैसला मुख्यमंत्री या अध्यक्ष पर निर्भर करता है। श्री शुक्ल बोले वे सीएम और पार्टी अध्यक्ष किसे अपने मंत्री मंडल में रखना चाहते हैं, किसे नहीं यह उनका विशेषाधिकार है।
बेटे भवानी को प्रोजेक्ट करने की कोशिश
राजिम से रिकार्ड मतों से जीतने वाले अमितेष Amitesh Shukla को भूपेश सरकार में मंत्री पद मिलने की पूरी उम्मीद थी। पिता अमितेष के लिए चुनाव में पैतृक सीट में कड़ी मेहनत पुत्र भवानी ने किया। उर्जावान युवा कांग्रेसी भवानी में दादा श्यामाचरण शुक्ल Amitesh Shukla की छवि साफ झलकती है।
परंतु जीत के बाद भी जब मंत्री पद परिवार को नहीं मिला तो दुबारा अमितेष शुक्ला के ऐसे बयान से सियासी हलकों में यह चर्चा है कि वे निगम, मंडल, आयोग के लिए बेटे भवानी को प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि ऐसी ही चर्चा वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा के पुत्र पंकज शर्मा और अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू के लिए भी हो रही है।
कहा- 13 से 15 नहीं तो 14 कर सकते हैं
जोगी सरकार में मंत्री रहे राजिम विधायक अमितेष शुक्ल Amitesh Shukla ने मंत्री बनने की इच्छा जताते हुए हरियाणा मॉडल का उदाहरण देते हुए छत्तीसगढ़ शासन में भी एक मंत्री बनाने की मांग करते हुए इसका उपाय भी बताया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा होने के नाते महज 13 मंत्री का कोटा है।
इसी तरह हरियाणा में भी कोटा है, परंतु वहां 13 की बजाए 15 मंत्री बना दिये गए जिसका वे विरोध भी किये हैं। लेकिन, उन्होंने छत्तीसगढ़ में भी हरियाणा मॉडल की तर्ज पर 15 नहीं तो 14 मंत्री का कोटा किये जाने की हिमायत भी की।