रायपुर/भंडारा/नव्रपदेश। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जिस साकोली में चुनावी सभा की इजाजत नहीं मिली थी अब वहीं के कांग्रेस विधायक (congress mla) नाना पटोले (nana patole) महाराष्ट्र विधानसभा (maharashtra vidhansabha) के अध्यक्ष (speaker) नियुक्त कर लिए गए। रविवार को विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में महाविकास आघाड़ी के प्रत्याशी पटोले निर्विरोध चुन लिए गए।
भाजपा की ओर से किसन कथोरे को प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन बाद में उन्होंने नाम वापस ले लिया। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार में कांग्रेस की ओर से प्रचार करने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल महाराष्ट्र के विदर्भ के दौरे पर थे। उन्होंने नागपुर में तीन चुनावी सभाओं को संबोधित किया था। जिसके बाद 15 अक्टूबर को उनकी अगली सभा भंडारा जिले के साकोली में थी, लेकिन जिला प्रशासन ने न तो यहां बघेल का हेलिकॉप्टर उतरने दिया न ही सभा की अनुमति दी।जबकि इसके एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने यहां सभा की थी।
बघेल सभा करते तो बढ़ सकता था जीत का मार्जिन
इसे संयोग ही कहिए कि साकोली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी नाना पटोले ही जीतकर आए। हालांकि उनकी जीत का मार्जिन कम रहा। अगर बघेल की यहां सभा होती शायद उन्हें और अच्छी जीत मिल सकती थी क्योंकि बघेल ने नागपुर के जिन 3 विधानसभा क्षेत्रों में सभाएं की थीं वहां से दो पर कांग्रेस प्रत्याशियों की बड़ी जीत हुई। यहीं नहीं उन्होंने केंद्रीय मंत्री गडकरी के आवास वाले क्षेत्र में भी कांग्रेस प्रत्याशी को विजय दिलाई थी। बहरहाल अब साकोली विस क्षेत्र के कांग्रेस विधायक (congress mla) पटोले (nana patole) महाराष्ट्र विस (Maharashtra vidhansabha) के अध्यक्ष (speaker) बन गए हैं।
प्रधानमंत्री पर सवाल उठाने का मिला इनाम
महाराष्ट्र में विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की ओर से पहले पूर्व मुख्यंत्री पृथ्वीराज चव्हाण समेत अन्य शीर्ष नेताओं का नाम चर्चा में था। पटोले की चर्चा कहीं नहीं थी। लेकिन वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने सांसद पद व भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। तब प्रेस कॉन्फ्रेंस में पटोले ने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ बैठक में जब विदर्भ के किसानों का मुद्दा उठाया तो मोदी ने उन्हें डांटकर चुप करा दिया, जिससे उन्हें काफी दुख हुआ।
इसके कुछ दिन बाद वे राहुल गांधी से मिलकर कांग्रेस में शामिल हो गए। राहुल गांधी ने भी उन्हें कांग्रेस किसान मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। पटोले ने 2019 के लोकसभा चुनाव में नागपुर से नितीन गडकरी के खिलाफ भी भाग्य आजमाया लेकिन हार गए। गौरतलब है कि पटोले कांग्रेस छोड़कर ही भाजपा में आए थे।