उदयपुर से यशवंत धोटे
उदयपुर नवप्रदेश। उदयपुर में चल रहे चिंतन शिविर के (Congress Chintan Shivir) तीसरे दिन राहुल गांधी ने भाजपा पर जोरदार हमला बोला है।
राहुल गांधी ने चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir) के अंतिम दिन नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज हिंदुस्तान के युवाओं को रोजगार नहीं मिल सकता। जो युवा हैं उनके पास रोजगार नहीं है।
नरेंद्र मोदी जी ने 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। आज जो बेरोजगारी है वो इससे ज्यादा पहले कभी नहीं रही। ये हम नहीं कह रहे,ये उनके आंकडे़ हैं, हमारे आंकड़े नहीं हैं।
जो रोजगार पैदा करने वाली रीढ हड्डी है उस की रीढ हड्डी को नरेंद्र मोदी ने बीजेपी की विचारधारा ने तोड़ दिया है। जीएसटी, नोटबंदी ये लागू करके पूरा का पूरा फायदा 2-3 उद्योग पतियों को देकर सरकार ने देश के युवाओं का भविष्य नष्ट कर दिया।
भाजपा में नहीं सुनी जाती किसी की बात
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा (बीजेपी )में दलितों को अपमान होता है। वहां किसी की बात भी नहीं सुनी जाती है।
कांग्रेस एक मात्र ऐसी पार्टी है जहां सभी को बिना डरे अपनी बात रखने का मौका मिलता है। पार्टी में सभी को यह अधिकार दिए गए हैं।
राहुल गांधी ने ने कहा, हमें बिना कुछ सोचे जनता के बीच जाकर बैठ जाना चाहिए, उनकी समस्याओं को समझना चाहिए। जनता के साथ हमारा जो कनेक्शन था उसे फिर से बनाना पड़ेगा।
जनता जानती है कि कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे ले जा सकती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि अक्टूबर महीने में पूरी पार्टी जनता के बीच जाएगी और यात्रा करेगी। जनता के साथ जो रिश्ता कांग्रेस का था उसे फिर से पूरा करेगी।
ये शॉर्टकट से नहीं होने वाला है और ये काम पसीना बहाकर ही किया जा सकता है।
सरकार ने हिंदुस्तान के युवाओं के भविष्य को नष्ट कर दिया है।
एक तरफ बेरोजगारी और दूसरी तरफ महंगाई है। यूक्रेन में युद्ध हुआ है, आने वाले समय में मुद्रा स्फीति पर भी इसका असर
कांग्रेस के डीएनए में इस देश के लोगों से बातचीत करना
भाजपा से हमारी पार्टी में आए कई नेताओं ने मुझे बताया कि भाजपा में दलित के तौर पर उनकी कोई जगह नहीं थी।
वहां यह बताया जाता है कि क्या बोलना है और क्या नहीं। भाजपा में दलित समाज का अपमान होता है।
हम कांग्रेस में बातचीत का मौका देते हैं। हम हर दिन यह काम करते हैं। इसके पीछे एक कारण है। कांग्रेस के डीएनए में इस देश के लोगों से बातचीत करना है। भले ही वो किसी भी जाति, धर्म और जगह के हों।’