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संगठन के छत्तीसगढ़ मॉडल पर असम में चुनाव लड़ रही कांग्रेस

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Congress CG Model in Assam Election: बूथ लेवल पर मतदाताओं से संपर्क अभियान ने असम में कांग्रेस संगठन केे छत्तीसगढ़ मॉडल की यादें ताजा कर दी है

गुवाहाटी/असम/नवप्रदेश। congress cg model in assam election : असम चुनाव को लेकर कांग्रेस की जोर आजमाईश चल रही है। पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को असम चुनाव के लिए बड़ी जिम्मेदारी देने के बाद से वे भी इसे निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

बीते तीन माह से मुख्यमंत्री का लगातार असम दौरा हो रहा हैं तो वहीं उनके सैकड़ों समर्थक तथा पार्टी के नेता पदाधिकारी असम में डेरा डाले हुए हैं। इस दौरान असम में जो गठबंधन हुए और जो बूथ लेवल पर काम हुआ, उससे पार्टी में असम चुनाव को लेकर उम्मीद की किरण जगी है।

बूथ लेवल पर मतदाताओं से संपर्क अभियान ने असम में कांग्रेस (congress cg model in assam election) संगठन केे छत्तीसगढ़ मॉडल की यादें ताजा कर दी है। उल्लेखनीय है कि असम में कांग्रेस नीत गठबंधन में कांग्रेस, एआईयूडीएफ, बोडो फ्रंट, सीपीआई, सीपीआईएम, आरजेडी व दो अन्य दल शामिल हैं।

जबकि भाजपा नीत गठबंधन में भाजपा के साथ एजीपी तथा यूपीपीएल हैं। गौरतलब है कि असम में तीसरे व अंतिम चरण का चुनाव ६ अप्रैल को होने जा रहा है। जिसके लिए कांग्रेस व सीएम भूपेश की टीम ने पूरी ताकत झोंक दी है। शनिवार को प्रचार केे क्रम में बघेल ने रोड शो किया।

एआईयूडीएफ से गठबंधन के मायने

कांग्रेस ने असम में जिस आईयूडीएफ के साथ गठबंधन किया है, उसकी असम के क्षेत्र विशेष में अच्छी पैठ है। २०१६ के चुनावी नतीजे इसका उदाहरण है। तब एआईयूडीएफ को १३ सीटें मिली थीं। इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन कर वह १४ सीट पर चुनाव लड़ रही है। लिहाजा पिछले चुनाव के नतीजों के आधार पर कांग्रेस को उम्मीद है इस बार एआईयूडीएफ का साथ उसके लिए सत्ता प्राप्ति की दिशा में काफी मददगार होगा।

बूथ लेवल पर किए जनसंपर्क का दिख रहा असर


मुख्यमंत्री के साथ ही प्रचार अभियान में संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, मुख्यमंत्री के तीनों सलाहकार- रुचिर गर्ग, विनोद वर्मा व राजेश तिवारी के साथ ही मंत्री कवासी लखमा, अनिला भेंडिय़ा व अमरजीत भगत ने भी मोर्चा संभाल रखा है। संगठन के काम को पीसीसी चीफ मोहम मरकाम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं।

छत्तीसगढ़ की इस टीम द्वारा असम बूथ लेवल पर जो जनसंपर्क अभियान चलाया गया और जिस तरह से छग सरकार के कामों के बारे में लोगों के साथ बैठकर चर्चा की गई उसका असर असम के मतदाताओं के चेहरों के भावों से झलकता है। कांग्रेस को उम्मीद है कि वोटरों की ये भावभंगिमा उसके पक्ष के मतों में तब्दील होगी। इसमें उसे शायद संशय भी नहीं। २०१६ में सत्ता परिवर्तन से पूर्व १५ वर्ष तक राज्य में कांग्रेस का ही सीएम रहा है।



एक नजर गठबंधन व सीट बंटवारे पर

कांग्रेस नीत गठबंधन
कांग्रेस – ९४
एआईयूडीएफ- १४
बोडो फ्रंट – १२
सीपीआईएम – २
सीपीआई – १
सीपीआई (एम-एल)-१
असम गण मोर्चा -१
आरजेडी – १
कुल सीटें- १२६

भाजपा नीत गठबंधन


भाजपा – ९२
एजेपी – २६
यूपीपीएल- ८

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