रायपुर/नवप्रदेश। Congress-BJP Attack : लोरमी में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एक बार फिर राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में जो काम 5 से 10 हजार में होता था, उसके लिए अब लाखों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
स्काई वॉक के भ्रष्टाचार को लेकर हमलावर
रमन सिंह का यह बयान तब सामने आया है जब कांग्रेस स्काई वॉक के भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा पर हमलावर है और भ्रष्टाचार के मामले में भाजपा लगातार कांग्रेस सरकार पर हमलावर है।
लोरमी में मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार पर चर्चा कर रहे थे, उसी दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल से मौजूदा कांग्रेस सरकार की तुलना कर दी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, राजस्व के नाम पर व्यापक रूप से भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार उस ऊंचाई पर पहुंच गया है, कि पटवारी, तहसीलदार, ग्राम सेवक स्थानांतरण के नाम पर, नामांतरण के नाम पर जहां 5-10 हजार रुपये काम हो जाता था, आज 1 लाख-2 लाख से ज्यादा राशि की वसूली बिलासपुर से लेकर मुंगेली में हो रही है। ये तो यहां भ्रष्टाचार का आलम है। छोटे-छोटे कामों के लिए गांववालों को लाखों देने होते हैं।
मतलब जो व्यवहार में लोग दे दिया करते थे…
ये पूछे जाने पर कि क्या आपके कार्यकल में भ्रष्टाचार सस्ता था, तो पूर्व सीएम ने कहा कि, जो हालत दिख रहा है कि छोटे-छोटे कामों के लिए गांवों को लाखों रुपये खर्च करना पड़ रहा है। 5-10 हजार रुपये मतलब जो व्यवहार में लोग दे दिया करते थे, आज उसे लाखों रुपये देने की जरूरत पड़ रही है। ये सवाल पूछे जाने पर कि आपके कार्यकाल में वो व्यवहार था, अब वो भ्रष्टाचार है, जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, भ्रष्टाचार यानि चरम सीमा पर पहुंच गया है।
कांग्रेस ने किया तीखा पलटवार- देर से ही सही सच बोलना शुरू तो किया…
रमन सिंह के इस बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह ने तीखा पलटवार किया है। आरपी सिंह ने कहा कि देर से ही सही रमन सिंह ने सच बोलना शुरू तो किया है। अगर, बोलना उन्होंने सच बोलना शुरू ही किया है, तो लगे हाथ ये भी बता दें कि प्रदेश के लोगों के कितने लाख लूटकर उनके बेटे ने विदेशों में पैसा जमा कराया है। आरपी सिंह ने कहा कि, रमन सिंह ने प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में ही इस बात को स्वीकार कर लिया था, उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह भी किया था कि 1 साल कमीशनखोरी बंद कर दीजिये। उसके बावजूद उनके कार्यकाल में कमीशनखोरी चलती रही, तो दरअसल भ्रष्टाचार पर वो आरोप नहीं लगा रहे हैं, बल्कि अपना पुराना अनुभव बता रहे हैं।
उनके कार्यकाल में जब खुद ही भ्रष्टाचार हुआ है और इसकी जानकारी उनको खुद थी, तो फिर उन्हें दूसरों पर आरोप लगाने का क्या हक है। रमन सिंह ने सच बोलना शुरू किया है, इसके लिए उन्हें बधाई, अगर उन्होंने सच बोलना शुरू ही किया है, तो लगे हाथ ये भी बता दें कि प्रदेश के लोगों के कितने लाख लूटकर उनके बेटे ने विदेशों में पैसा जमा कराया है।