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Compost Manure : गौठानों में बिक्री के लिए आया 15 हजार क्विंटल से अधिक खाद

Compost Manure

Compost Manure

मिट्टी-खाद का कितना प्रयोग करना चाहिए, दी जानकारी

बिलासपुर/नवप्रदेश। Compost Manure : शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के 102 गौठानों में 15 हजार क्विंटल से अधिक वर्मी व सुपर कम्पोस्ट खाद बिक्री के लिए उपलब्ध है। दोनों की कीमत भी तय कर दी गई। वर्मी खाद 10 रूपये प्रतिकिलो और सुपर कम्पोस्ट खाद 6 रूपये प्रतिकिलों की दर से मिल रहा है। ग्रामीण किसान सुविधानुसार अपने गौठानों के लिए खरीद सकते है। ये जानकारी बिलासपुर कृषि विभाग के उप संचालक ने दी है।

गोबर से तैयार खाद इस्तेमाल करने की देते है सलाह

आपको बताते चले कि ये खाद गोधन न्याय योजना के तहत गोबर से तैयार (Compost Manure) किया गया है। किसान अपने व अपने शहर के आस-पास के गांवों के सबसे नजदीक गौठानों में जाकर खाद खरीद सकते हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित 86 गौठान व शहरी क्षेत्रों के 7 गौठानों को बनाये गए गौठान समितियों के माध्यम से दिया जायेगा।

गोबर से तैयार खाद फसलों के लिए उर्वरक होती है, क्योंकि ये खाद पूरी तरह केमिकलरहित होता है, लिहाजा बाड़ी वाले किसान जो मौसमी सब्जियों की खेती करते है, वे इस खाद का इस्तेमाल अधिक करते है। खेती वैज्ञानिक भी इस तरह बनाए खाद के इस्तेमाल की सलाह देते है।

ग्रामीण और शहरी दोनों अलग-अलग खरीदें

ग्रामीण क्षेत्र के गौठानों में 6240.60 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट और 6377.50 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट खाद विक्रय के लिए उपलब्ध है। इसी तरह शहरी क्षेत्र के गौठानों में 514.14 क्विंटल वर्मी और 1996.08 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट खाद उपलब्ध है। वर्मी खाद 10 रूपये प्रतिकिलो और सुपर कम्पोस्ट खाद 6 रूपये प्रतिकिलों की दर से मिलेगा।

कितनी मात्रा में करे उपयोग

उप संचालक कृषि बिलासपुर ने बताया कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय बिलासपुर द्वारा अनुशंसित मात्रा अनुसार वर्मी कम्पोस्ट खाद (Compost Manure) ढाई क्विंटल और सुपर कम्पोस्ट खाद 5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेतों में उपयोग करना चाहिए। सुपर कम्पोस्ट खाद की अपेक्षा वर्मी खाद में नाईट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की मात्रा ज्यादा होती है।

जो किसान पूर्ण रूप से जैविक खेती करना चाहते हैं, वे शतप्रतिशत जैविक खाद (Compost Manure) का ही उपयोग करें, लेकिन जो किसान प्रारंभिक रूप से जैविक खेती कर रहे हैं, उन्हें 75 प्रतिशत रासायनिक खाद व 25 प्रतिशत जैविक का उपयोग करना चाहिए।

गौठानों में उत्पादित जैविक खाद मिट्टी को हल्का और उपजाउ बनाती है तथा पोषण क्षमता व जलधारण क्षमता में वृद्धि करती है। किसान जैविक खाद के संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए उप संचालक कृषि कार्यालय बिलासपुर में या ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

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