प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप, महज अभनपुर तहसील में ही करोड़ों की बंदरबाट
राज्यपाल को दस्तावेजों के साथ ज्ञापन की तैयारी, केन्द्रीय परिवहन मंत्री से भी शिकायत की बात
रायपुर (नवप्रदेश)। Compensation scam : छत्तीसगढ़ में मुआवजा माफिया सुनियोजित तरीके से काम कर रहा है। भारतमाला परियोजना में मुआवजे के नाम पर प्रशासनिक अधिकारी करोड़ों की बंदरबांट कर रहे हैं। यह बिना किसी राजनैतिक संरक्षण के संभव नहीं है। अकेले अभनपुर तहसील में ही 330 करोड़ का घोटाला संभावित है। ऐसे में इस परियोजना में प्रदेश के दस जिलों में बहुत बड़े मुआवजा घोटाले से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस आशय के गंभीर आरोप पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने शनिवार दोपहर एकात्म परिसर में आयोजित एक प्रेसवार्ता में लगाए।
साहू ने कहा कि इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी जल्द ही प्रमाणिक दस्तावेजों के साथ राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी। साथ ही केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी से भी मुलाकात कर उन्हें इसकी जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही पूर्व कृषि मंत्री ने इस पूरे मामले में सीएम सचिवालय की भूमिका पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा इस मामले को लेकर वे न केवल प्रदेश के मुख्य सचिव अपितु राजस्व मंत्री को भी ज्ञापन दे चुके हैं। बावजूद इसके मुआवजा माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। इसके विपरीत यह खेल बदस्तूर जारी है। ऐसा बिना किसी राजनैतिक संरक्षण के संभव नहीं है। इस स्थिति में केन्द्र सरकार के पैसों में करोड़ों के मुआवजा घोटाले (Compensation scam)
की जांच किसी केन्द्रीय जांच एजेंसी से होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि भारतमाला सड़क निर्माण और रायपुर- विशाखापत्तनम कॉरिडोर निर्माण के लिए भू-अर्जन और मुआवजा वितरण में नियमों को ताक पर रखकर पुरानी तारीखों पर ही जमीन का बटांकन एवं नामांतरण की कार्यवाही की गई है। इस तरह कुछ चिन्हित हितग्राहियों को अधिक मुआवजा दिलवाया गया। इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि नियमों की पेचीदगी का लाभ उठाते हुए 18 गुना तक (Compensation scam) मुआवजा बढ़ाया गया। उस पर भी हितग्राही को एक निश्चित रकम देने के बाद शेष रकम प्रशासनिक अधिकारियों ने नीचे से ऊपर तक बांट दी। इस कृत्य को अंजाम देने के लिए दूसरे जिलों में बैंक खाते खुलवाए गए। इस तरह के प्रयासों से प्रभावित एक दो नहीं 20 से अधिक किसान व लोग उनके संपर्क में हैं। हैरत की बात यह भी है कि घांस भूमि का भी मुआवजा बांट दिया गया। दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के सवाल पर चंद्रशेखर साहू ने कहा कि राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद ही यह सार्वजनिक किए जाएंगे। इससे पहले ऐसा करने से संबंधित मामला प्रभावित हो सकता है।
भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने बताया कि अकेले अभनपुर तहसील में ही लगभग 600 करोड़ राशि वितरित किया गया है। मुआवजा वितरण हितग्राहियों से बिना कमीशन नहीं किया जा रहा है। ऐसे में जमीन की हेराफेरी एवं रिकार्ड को परिवर्तित कर जनता एवं केन्द्र सरकार के लगभग 1 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला (Compensation scam) संभावित है। भविष्य में रायपुर जिला सहित अन्य जिलों में ऐसे प्रकरण पाये जा सकते है। विदित हो कि केन्द्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना के तहत 2 हजार करोड़ से भी अधिक राशि मुआवजा के लिए स्वीकृत की गई। है।