दुर्ग जिले में एक बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जहां कंपनी के खातों में योजनाबद्ध (Company Embezzlement) तरीके से हेरफेर कर 70 लाख रुपये गबन किए गए। पुरानी भिलाई पुलिस ने इस मामले में कंपनी के पूर्व निदेशक विकास कुमार मित्तल और उसके परिचित रोहित कुमार मित्तल के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है। (Durg Fraud Case)
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हथखोज स्थित वायर इंजेक्शन टेक्नोलाजीज प्राइवेट लिमिटेड के प्रोपराइटर विनय कुमार विश्वा और विकास कुमार मित्तल ने संयुक्त रूप से कंपनी की स्थापना की थी। विकास को अंशधारक और वित्तीय प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी दी गई थी। कंपनी के बैंक खातों से जुड़े सभी ओटीपी और संदेश भी विकास के मोबाइल नंबर पर आते थे। विनय विश्वा ने पुलिस को बताया कि वे वित्तीय मामलों में पूरी तरह विकास पर निर्भर रहते थे। (Financial Scam)
तीन अप्रैल 2024 को विकास ने अचानक कंपनी से इस्तीफा दे दिया, जिसे अगले ही दिन स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद कंपनी का आडिट कराया गया। आडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि विकास ने कंपनी के अलग-अलग खातों के माध्यम से बड़ी हेराफेरी कर लगभग 70 लाख रुपये का गबन किया है। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने यह रकम रायपुर निवासी रोहित मित्तल की फर्म “श्री केसरी नंदन स्टील” में ट्रांसफर की। (Bhilai Police News)
प्रार्थी का कहना है कि विकास के इस्तीफा दे देने के बाद भी कंपनी के बैंक खातों का उपयोग किए जाने के तकनीकी संकेत मिले, जिससे गड़बड़ी की आशंका और गहरा गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ धारा 420, 406 समेत अन्य संबंधित धाराओं में अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। (Company Embezzlement)

