Code Of Conduct Violation : पूर्व सांसद और अभिनेत्री जयाप्रदा की कानूनी मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। चुनाव आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े एक पुराने मामले में विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने पुलिस की दी गई फाइनल रिपोर्ट को खारिज कर दिया है और केस की दोबारा विवेचना करने का आदेश दिया है। अदालत का यह रुख जयाप्रदा के लिए एक नई चुनौती साबित हो सकता है।
मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का है, जब आरोप लगाया गया था कि मतदान के दिन जयाप्रदा ने अपने वाहन को सीधे एक पोलिंग बूथ परिसर तक ले जाकर नियमों का उल्लंघन किया। इस पर तत्कालीन सेक्टर मजिस्ट्रेट जयवीर सिंह नागर की शिकायत पर एफआईआर दर्ज(Code Of Conduct Violation) की गई थी। पुलिस ने बाद में मामले में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी थी, लेकिन अदालत ने इसे अपर्याप्त मानते हुए अस्वीकार कर दिया।
जयाप्रदा के राजनीतिक सफर पर नज़र डालें तो वह रामपुर से दो बार सांसद रह चुकी हैं और 2019 में भाजपा के टिकट पर आजम खां के खिलाफ चुनाव लड़ीं, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले भी उन पर आचार संहिता उल्लंघन के आरोप(Code Of Conduct Violation) लगे थे, लेकिन अदालत से राहत मिली थी। अब नए आदेश के बाद एक बार फिर उन्हें अदालत का सामना करना होगा।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में अदालत का हस्तक्षेप यह संकेत देता है कि चुनावी नियमों को लेकर लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और किसी भी राजनीतिक हस्ती को छूट नहीं दी जाएगी।