रायपुर/नवप्रदेश। CM Monitoring Meeting : मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 की राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में ST, SC वर्ग को विभिन्न प्रावधानों के तहत मिलने वाले लाभों और अधिनियम-1989 के अंतर्गत 2019, 2020 एवं 2021 में दर्ज प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की गई। साथ ही अधिनियम-1989 के अंतर्गत 2019, 2020 एवं 2021 में स्वीकृत राहत राशि की भी समीक्षा की गई।
उक्त बैठक में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम समेत संसदीय सचिव व मुख्य सचिव अमिताभ जैन, गृह सचिव मनोज पिंगुआ, विभागीय सचिव डी. डी. सिंह तथा आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास आयुक्त शम्मी आबिदी (CM Monitoring Meeting) उपस्थित थीं। वहीं संस्कृति मंत्री अमरजीत सिंह भगत व पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा समेत अन्य संसदीय सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के प्रावधान अनुसार गठित राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक में सदस्यगण ऑनलाइन वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से भी शामिल हुए। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने अधिनियम-1989 के प्रावधान के तहत दर्ज पुलिस के पास लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण करने के निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस अन्वेषण स्तर पर स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनवाने में यदि विलंब होता है तो संबंधित ग्राम सभा से यह तस्दीक कर लिया जाये कि पीड़ित व्यक्ति अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग का है या नहीं।
इसके लिए विधि विभाग, गृह विभाग एवं आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग समन्वय कर समीक्षा कर लें। विशेष न्यायालयों में दर्ज प्रकरणों के त्वरित निराकरण किये जाने बाबत् विशेष लोक अभियोजकों के स्तर से यथोचित प्रयास करने संबंधी निर्देश दिये जाने हेतु विधि विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने कहा गया। उन्होंने अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जिला स्तरीय एवं उपखण्ड स्तरीय बैठकों का आयोजन नियत समयावधि में आवश्यक रूप से किये जाने हेतु जिला कलेक्टरों को एवं अनुविभागीय अधिकारी को आवश्यक निर्देश (CM Monitoring Meeting) जारी किये जाने के लिए भी निर्देशित किया।