रायपुर/नवप्रदेश। IAS Deputation : CM भूपेश बघेल ने भाजपा और केंद्र सरकार पर धर्मांतरण और IAS के डेपुटेशन पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारीयों को प्रतिनियुक्ति को लकेर उनमे भय का वातावरण बनाना चाह रही है, वहीं धर्मांतरण मामले को लेकर भाजपा हिन्दुओं को डराने का काम कर रही है, ये दोनों ही गलत है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को उत्तराखंड चुनाव में हिस्सा लेने देहरादून रवाना हुए। भूपेश बघेल कांग्रेस की थीम सांग के प्रमोशन कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे है। इस दौरान उन्होंने रायपुर के स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उत्तराखंड में कांग्रेस की स्थिति मजबूत होने की बात कही है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार राज्यों पर नियंत्रण रखना चाहती है। राज्यभवन का दुरूपयोग के बाद अब प्रतिनियुक्ति ( IAS Deputation ) पर भी अपनी मनमर्जी चलाकर राज्यों का नुकसान कर रही है। इस तरह भय का माहौल संघीय व्यवस्था के लिए उचित नहीं है।
CM भूपेश ने कहा कि वैसे भी IAS डेप्यूटेशन में जाते ही हैं और जो जाना चाहते हैं उन्हें हम रोकते भी नहीं है। अपने आवश्यकता के मुताबिक कुछ दिन रोका जरूर जाता है लेकिन भेज भी देते है। इस दौरान केंद्र से वार्तालाप चलते रहती है और काम रुकता नहीं है। लेकिन यदि केंद्र इस प्रकार दबाव से करेंगे, कोई अधिकारी राज्य में अच्छा काम कर रहे हैं और उनको अचानक केंद्र में लेजाकर बैठा दिया जाए तो ऐसे में राज्य का ही नुकसान होगा। तो इस प्रकार से भय बनाये रखेंगे तो ये उचित नहीं है।
इसके साथ ही सीएम बघेल ने कहा भाजपा को केवल धर्म के नाम पर लोगों को बांटना और सत्ता हासिल करना बस आता है। उन्होंने यूपी का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां अभी भी यही फार्मूला अपना रहे है। डर का माहौल बनाकर वोट हासिल कर रहे है। धर्म और जाति के आधार पर लोगों को बांट कर भाजपा को सत्ता ( IAS Deputation ) तो मिल गई लेकिन आम जनता को इससे कुछ हासिल नहीं हुआ। CM भूपेश की माने तो वसुधैव कुटुंबकम की भावना कही से भी भाजपा कार्यकर्ताओं में लक्षित नहीं होता। जहर बोने से किसी का भला नहीं होता, नुकसान केवल आम जनता का ही होता है।
उन्होंने कहा कि हिन्दुओं को केवल भय के अलावा कुछ नहीं मिला। छत्तीसगढ़ की जनता ने इसे नकार दिया। अब जनता इनके चालो को समझ गई है। आज का मुख्य मुद्दा महंगाई, बेरोजगारी और महिलाओ की सुरक्षा है, न की संप्रदायिकता और धर्मांतरण। छत्तीसगढ़ के निकाय चुनाव में जनता ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया और आगे भी ये सपना ही देखते रह जायेंगे।