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CM भूपेश का भाजपा पर पलटवार, अपने ही कुशासन से निपटने में नाकाम

Big Breaking: Compassionate appointment of education workers… Committee will be constituted of senior officers

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रायपुर/नवप्रदेश। CM Bhupesh : भाजपा का तीन दिवसीय चिंतन शिविर बस्तर में चल रही है। जिसमे सरकार को घेरने की रणनीति भाजपा बना रही है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिंतन शिविर पर पलटवार किया है।

CM भूपेश पेंड्रा रवाना होने से पहले पत्रकारों सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा के चिंतन शिविर में रमन सिंह घिरते नजर आ रहे हैं। मीडिया के हवाले से जो बात सामने आ रही है उससे तो ऐसा ही लग रहा है। CM भूपेश की माने तो 15 साल के कुशासन पर ही चिंतन शिविर में चर्चा चल रही है, जिसमे 15 साल के भाजपा कार्यकाल पर कई सवाल भी उठ रहे हैं।

धर्मांतरण मामले में भाजपा पर वार

धर्मांतरण मामलें पर भाजपा के द्वारा सरकार पर दागे जा रहे सवालों का जवाब देते हुए CM भूपेश ने कहा कि धर्मांतरण की बात कहने से पहले भाजपा ये देख लें की उनके शासन काल में ही प्रदेश में सबसे ज्यादा गिरजाघर बने थे। तो ऐसे में उलटा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत उन पर चरितार्थ होती है।

सीएम भूपेश (CM Bhupesh) ने बड़े ही तल्ख अंदाज में कहा कि धर्मांतरण के सहारे भाजपा दुबारा सत्ता हासिल करने ये अनर्गल आरोप कांग्रेस पर लगा रही है। लेकिन भाजपा इसमें सफल नहीं हो पायेगी।

ऐसे बनते हैं धार्मिक केंद्र -भूपेश

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हम लोग अलग-अलग धर्म के लोग है, अलग-अलग जगहों पर निवास करते हैं, जहां जनसंख्या ज्यादा होती है, वहां आस्था के केंद्र बन जाते हैं।जहां हिंदू की बस्ती होगी, वहां मंदिर बनता है, जहां सतनामी की बस्ती है, वहां जैतखाम होता है, सिक्खों की बस्ती है तो गुरुदारा बन जाता है, मुस्लिम जहां ज्यादा है वहां मस्जिद बन जाता है और जहां ईसाई ज्यादा होते हैं, वहां चर्च बनता है। तो पहले समुदाय जाता है और फिर वहां धार्मिक केंद्र बनते हैं।

जबरिया धर्मांतरण के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh) ने जबरिया धर्मांतरण मामले पर कहा कि छत्तीसगढ़ में जबरिया धर्मांतरण एक भी मामला यदि आता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने भाजपा को कड़े शब्दों में कहा कि ऐसा एक भी केस भाजपा बताये तो करवाई निश्चित है। उन्होंने कहा कि धर्म के मामले में भारतीय संविधान में व्यवस्था की गई है कि कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से कोई भी धर्म को स्वीकार कर सकता है,लेकिन जबरदस्ती किसी का धर्मांतरण नहीं किया जा सकता।

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