Narwa Yojna : नरवा विकास से आय का बना स्रोत – भूपेश
रायपुर/नवप्रदेश। Narwa Yojna : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैम्पा मद से नरवा विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 के लिए 392 करोड़ 26 लाख रूपए की स्वीकृत राशि के 37.99 लाख भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का भूमिपूजन किया। इसके तहत राज्य के वनांचल स्थित एक हजार 962 नालों में भू-जल संरक्षण संबंधी विभिन्न संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इससे क्षेत्र के 8 लाख 17 हजार हेक्टेयर भूमि उपचारित होगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वनांचल में राज्य शासन द्वारा चलाई जा रही नरवा विकास योजना से वनवासियों के उत्थान सहित वन संवर्धन के कार्यो को काफी मजबूती मिली है। साथ ही वनाश्रितों को आगे बढ़ने का बेहतर अवसर उपलब्ध हुआ है। वनक्षेत्रों में जल उपलब्धता की दृष्टि से नरवा विकास योजना वनवासियों के लिए संकटमोचक साबित होगी। इस योजना की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की जा रही है।
जल संरक्षण की दिशा में मजबूत कदम
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नरवा विकास योजना (Narwa Yojna) शासन की एक महत्वपूर्ण योजना है, जो वनों के संरक्षण, भू-जल संवर्धन तथा जैव विविधता संरक्षण के साथ-साथ आदिवासियों, वनाश्रितों और किसानों के जीवन से सीधे जुड़ी हुई है। इस योजना के माध्यम से वनांचल में कृषि और वनोपज के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी। यहां जल संरक्षण की दिशा में जो काम हो रहे हैं, इसकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। नरवा विकास कार्यक्रम के शुरूआती चरण में वर्ष 2020 में बिलासपुर और सूरजपुर जिले को नेशनल वॉटर अवार्ड से नवाजा जा चुका है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि योजना के तहत बड़ी संख्या में वनवासियों को रोजगार मिलता रहा।
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना
कार्यक्रम को वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री बघेल के कुशल निर्देशन में वन विभाग द्वारा वनों के विकास के (Narwa Yojna) साथ-साथ वनाश्रितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा विकास योजना के तहत वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं के निर्माण से वनांचल के 20 लाख हेक्टेयर भूमि उपचारित होगी।
गौरतलब है कि नरवा विकास योजना के तहत कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 के लिए 392 करोड़ 26 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसके अंतर्गत राज्य में 24 जिलों के 30 क्षेत्रीय वनमंडलों, 02 राष्ट्रीय उद्यानों, 02 टायगर रिजर्व, 01 सामाजिक वानिकी और 01 एलीफेंट रिजर्व में 01 हजार 962 नालों के 8.17 लाख हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्र में 37 लाख 99 हजार 26 संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा।