छत्तीसगढ़ में 2500 रूपए प्रति क्विंटल दर पर धान खरीदने और 32 लाख मेट्रिक टन चावल केन्द्रीय पूल में लेने का पुन: किया आग्रह
पूर्व वर्षो की भांति इस वर्ष भी एम.ओ.यू. की शर्तों को शिथिल करने का किया आग्रह
प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय स्तर के इस अत्यावश्यक आर्थिक विषय पर चर्चा के लिए शीघ्र समय प्रदान करने का किया अनुरोध
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM narendra modi) को एक बार फिर पत्र लिखकर (Again By writing a letter) छत्तीसगढ़ में 2500 रूपए प्रति क्विंटल (Rs 2500 per quintal) की दर पर धान उपार्जन करने और 32 लाख मेट्रिक टन चावल केन्द्रीय पूल में लेने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री (cm bhupesh baghel) ने अपने पत्र में कहा है कि यदि भारत सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में वृद्धि नहीं की जाती है, तो राज्य को वर्ष 2017 और वर्ष 2018 की भांति ही उपार्जन के एम.ओ.यू. की शर्तों में शिथिलता प्रदान की जाए ताकि राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का समूचित मूल्य दिलाया जा सके।
मुख्यमंत्री (cm bhupesh baghel) ने राष्ट्रीय स्तर के इस अत्यावश्यक आर्थिक विषय पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से शीघ्र अतिशीघ्र मिलने हेतु समय प्रदान करने का भी पुन: अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष वृहद मात्रा में राज्य की आवश्यकताओं और केन्द्रीय पूल के लिए धान का उपार्जन किया जाता है।
धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (samrthan mulya) में वृद्धि कर रूपए 2500 प्रति क्विंटल किए जाने तथा इस वर्ष केन्द्रीय पूल में 32 लाख मेट्रिक टन चावल छत्तीसगढ़ से प्रदाय किए जाने हेतु पूर्व में मेरे द्वारा आपको इस साल 5 जुलाई, 25 अक्टूबर और 30 अक्टूबर 2019 को पत्र लिखे गए हैं।
छत्तीसगढ़ के किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ किए जाने हेतु इस वर्ष भी धान उपार्जन की कार्यवाही आरंभ होने वाली है। परंतु खाद्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 24 अक्टूबर को यह सूचित किया गया है कि भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य के अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि किसानों को दिए जाने की स्थिति में केन्द्रीय पूल हेतु चावल एवं धान प्राप्त नहीं किया जाएगा।
मैं आपके ध्यान में लाना चाहूंगा कि किसानों को उनकी उपज का उचित दाम दिए जाने के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ में मैदानी स्तर पर समृद्धि तथा विकास गतिमान हुआ है और निर्माण, वाहन क्रय आदि क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर मंदी के प्रभाव से छत्तीसगढ़ अछूता रहा है। इस दृष्टि से भी स्पष्ट है कि समर्थन मूल्य में वृद्धि तथा किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाए जाने से आर्थिक व्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।