रायपुर/नवप्रदेश। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) ने चीनी कंपिनयों द्वारा पीएम केयर्स फंड (pm cares fund) में दिए गए दान (donation) पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) से पूछा है कि यदि वे चीनी कंपिनयों (chinese companies) से दान (donation) स्वीकार कर अपनी स्थित से समझौता करेंगे तो देश की रक्षा कैसे करेंगे। बता दें कि चीन को लेकर भाजपा द्वारा पिछले कुछ दिन से कांग्रेस पर लगाए जा रहे है। इन आरोपों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने करारा पलटवार किया है।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रही भारत की तनातनी के बीच बघेल ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) को आड़े हाथों लेते हुए उनसे तीखे सवाल किए और आरोप भी लगाए। पीएम केयर्स फंड (pm cares fund) का भी जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस फंड में चीनी कंनियों से दान मिला है।
बघेल ने पूछा कि यदि प्रधानमंत्री चीनी कंपनियों (chinese companies) का दान (donation) स्वीकार करेंगे और अपनी स्थिति से समझौता करेंगे तो वे देश की रक्षा कर पाएंगे। इसका जवाब पीएम को देना चाहिए। बघेल (cm bhupesh baghel) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के प्रति विशेष नरम रुख रखते हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप मेंं उनकी चार चीनी यात्राओं में हमने उनकी चीन के साथ निकटता देखी है। वे एकमात्र प्रधानमंत्री है जिन्होंने पांच बार चीन की यात्रा की है।
पीएम केयर्स फंड को बताया विवादित
मुख्यमंत्री ने पीएम केयर्स फंड को विवादि फंड बताया। कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि पीएम मोदी को उनके पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियों से व्यक्तिगत रूप से दान प्राप्त हुए हैंं। किसी को नहीं पता कि पीएम केयर्स फंड को कैसे संचालित किया जाता है। सीएजी सहित किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा इसका ऑडिट नहीं किया जाता। पीएम केयर्स फंड आरटीआई के दायरे में भी नहीं है। यह फंड पूरी तरीके से अपारदर्शी तरीके से संचालित होता है।
गिनाया इन चीनी कंपनियों का नाम
मुख्यमंत्री ने कहा-रिपोर्ट बताती है कि 20 मई, 2020 तक पीएम केयर्स फंड में 9 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि प्राप्त हुई है। चौंकाने वाली बात यह है कि चीनी सीमा के भारतीय सीमा में घसपैठ के बावजूद भी चीनी कंपनियों के फंड से पैसा प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि 2013 से स्पेस शत्रुता के बावजूद उन्होंंने चीनी कंपनियों से धन क्यों प्राप्त किया।
हुवेई
बघेल ने कहा- प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि चीन की हुवेई कंपनी ने विवादित फंड (पीएम केयर्स) में सात हजार करोड़ रुपए उपलब्ध कराए हैं और क्या इसका सीधा संबंधी चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से है।
टिक टॉक, पेटीएम
प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि क्या टिक टॉक ने 30 हजार करोड़ रुपए दिए है। क्या 38 प्रतिशत चीनी स्वामित्व वाली कंपनी पेटीएम ने 100 करोड़ का दान दिया है।
एमआई, ओपो
क्या चीनी कंपनी एमआई ने विवादित कोष में 15 करोड़ रुपए दिए हैं। क्या चीनी कंपनी ओपो ने इस कोष में एक करोड़ का डोनेशन दिया है।
सीएम ने पूछा क्या पीएम मोदी ने एनआरएफ में प्राप्त राशि को पीएम केयर्स फंड में डायवर्ट कर दिया है। और कितने सौ करोड़ डायवर्ट कर दिया गया है। यदि भारत के प्रधानमंत्री विवादास्पद व पारदर्शिता से रहित कोष में चीनी कंपनियों से मिले सैकड़ों करोड़ के दान को स्वीकार कर अपनी स्थिति से समझौता करेंगे तो वह चीन के अतिक्रमण से देश की रक्षा कैसे करेंगे। प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना होगा।
सवाल पूछते रहेगी कांग्रेस
सीएम भूपेश ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस हमेशा से सवाल पूछती रही है और पूछती रहेगी। लेकिन जब भी राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी सवाल पूछती है तो भाजपा मुद्दों को भटकाने लगती है। भाजपा को इस बात का जवाब देना चाहिये कि आखिर चीन को लेकर प्रधानमंत्री का नरम रूख क्यों है।