CM Bhupesh Baghel ने कहा- किसानों की आय ज्यादा से ज्यादा बढ़े यही हमारी सोच
नवप्रदेश संवादाता
रायपुर। CM Bhupesh Baghel : मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने आज राजीव भवन में पत्रकारों को सभोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि धान में किसानो को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुचाना हमारी पहली प्रथमिकता हैं।
केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों के धान खरीदी में हमारे द्वारा तय की गई कीमत से कम रुपए में धान खरीदी की शर्तें रखी थी। फिर भी हमने छत्तीसगढ़ के किसानों को किये वादे पूरे किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा-
मुख्यमंत्री ने जब से कार्यकाल की शुरुआत की, उन्होंने कहा था कि किसान की आय कैसे बढ़े। मुयमंत्री ने कहा था कि कुछ नया सोचो, वैज्ञानिक सोचो। अलग अलग चीजों पर चर्चा के बाद हम सबने एथनॉल पर रुके थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने कहा कि एक समय था कि जब इथेनॉल की जानकारी इंटरनेट तक भी नहीं थी, लेकिन दुनिया मे चावल से एथनॉल बनाने की बिल्कुल नयी पद्धति थी। हम अपने विश्वास पर अटल थे जिसके बाद रायपुर के रविशंकर यूनिवरसिटी के लैब में जांच कराई।
जांच के बाद हमारे लैब में 1 किलो चावल से 470 ग्राम एथनॉल उत्पादित किया गया। और हमें लगने लगा कि हमारी सोंच सफल हो जाएगी। उसके बाद टूटे चावल को पंजाब के लैब में भेजा गया। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर महा कि वे अपनी सोंच स्वीकार करें आखिरकार उन्होंने वर्चुअल मीटिंग में यह कहा ही।
राज्य के कृषि मंत्री रवीन्द्र चौबे ने कहा कि एफसीआई के साथ छत्तीसगढ़ के खरीफ और रवि फसल को खरीदा जाए। धान का 2500 रुपए प्रति कविंटल में खरीदकर भुगतान करें। छत्तीसगढ़ के किसानो को लाभ देने की बात केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कही है, लेकिन जब तक उचित मुलयबपर खरीफ और रवि फसल की खरीदी के लिए मेकनिजम डेवलप करें तभी किसनों को इसका लाभ मिल पायेगा।
सीएम ने कृषि कानून पर ये कहा-
अभी कृषि कानून की बात पूरे देश में चल रही है। धान खरीदी की एजेंसी राज्य सरकार है। 24 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी एफसीआई के जरिये हुई। शेष धान कहाँ जाएगा। 2019-20 में धान खरीदी को लेकर हमने कई बार पत्राचार किया, चार्टर प्लेन से जाकर कृषि मंत्री से अनुरोध किया कि धान खरीद लो, लेकिन वो टस से मस नहीं हुए।
उन्होंने साफ कहा कि बोनस देंगे तो धान की खरीदी नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि फ रवरी 2020 में सर्किट हाउस में एथनॉल को लेकर कार्यशाला आयोजित की गई और ये तय हो गया कि धान से एथनॉल तैयार हो सकता है। जिसके बाद हमने केंद्र को पत्र लिखा कि हमें एथनॉल बनाने की अनुमति मांगी, लेकिन उन्होंने उस वक्त इसे अनुमति नहीं दी। अब जाकर केंद्र ने एथनॉल की अनुमति दी है।
धान से एथनॉल बनाने के बाद उसकी कीमत अब जाकर 54 रुपये प्रति लीटर तय की गई हैं। इससे पहले धान से एथनॉल की कीमत तय नहीं थी। केंद्र ने शक्कर उत्पादन पर भी पांबन्दी लगाई थी, कि तय मात्रा से ज्यादा उत्पादन नहीं कर सकते तो इस पाबंदी के बाद हम शक्कर से भी एथनॉल बनाएंगे।
4 जिलों में बाई इथेनॉल प्रोडक्शन प्लांट
पत्रकारवार्ता में मुख्यमंत्री (CM Bhupesh Baghel) ने पत्रकारों से पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा है कि बाई इथेनॉल प्रोडक्शन प्लांट लगाने के लिए हम तैयार है, जांजगीर ,मुंगेली और महासमुंद जिले में प्लांट लगाया जाएगा। इस अवसर पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, मुख्यमंत्री के कृषि वैज्ञानिक सलाहकार प्रदीप शर्मा, केबिनेट मंत्री गुरु रुद्र कुमार, पीसीसी प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी उपस्थित थे।