Site icon Navpradesh

CM बघेल ने केंद्रीय गृहमंत्री को बस्तर से नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने लिखा पत्र

CM Baghel, wrote a letter to the, Union Home Minister, to abolish Naxalism, from Bastar,

cm Bhupesh Baghel

Naxli बस्तर में लगने वाले स्टील प्लांट्स को 30 प्रतिशत डिस्काउंट पर मिले लौह अयस्क

इससे निवेश बढेगा और बड़ी संख्या में युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर

रायपुर। Naxli: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह को पत्र लिख कर बस्तर अंचल में नक्सल समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।

श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि बस्तर अंचल में नक्सलवाद (Naxli) की समस्या से निपटने के लिए यह आवश्यक है कि वर्तमान में जारी रणनीति के साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन किया जाए।

जिससे नक्सल (Naxli) प्रभावित क्षेत्रों के बेरोजगार विवश होकर नक्सली समूहों में शामिल न हो। मुख्यमंत्री ने नक्सल हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में वृहद पैमाने पर रोजगार उपलब्ध करने के लिए सुझाव दिया है कि बस्तर अंचल में लौह अयस्क प्रचुरता से उपलबध है।

यदि बस्तर में स्थापित होने वाले स्टील प्लांट्स को 30 प्रतिशत डिस्काउन्ट पर लौह अयस्क उपलब्ध कराया जाए, तो वहां सैकड़ों करोड़ का निवेश तथा हजारों की संख्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर निर्मित होंगे।

कठिन भौगोलिक क्षेत्रों के कारण बड़े भाग में अभी तक ग्रिड की बिजली नहीं पहुंच पाई है । सौर उर्जा संयंत्रों की बड़ी संख्या में स्थापना से ही आमजन की उर्जा आवश्यकता की पूर्ति तथा उनका आर्थिक विकास संभव है।

Naxli: बस्तर में लगाए जाएं बड़ी संख्या में सौर उर्जा संयंत्र

लघु वनोपज, वन औषधियां की प्रसंस्करण इकाइयों और कोल्ड चैन स्थापना हेतु उदारता से मिले अनुदान

इन्द्रावती नदी पर बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के लिए केंद्र से मिले सहयोग

आकांक्षी जिलों में आजीविका के साधन विकसित करने कलेक्टरों हर वर्ष दिए जाएं कम से कम 50-50 करोड़ रूपये

मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी सुझाव दिया है कि वनांचलों में लघु वनोपज, वन औषधियां तथा अनेक प्रकार की उद्यानिकी फसलें होती है । लेकिन उनके प्रसंस्करण एवं विक्रय की व्यवस्था न होने के कारण संग्राहकों को इनका समुचित लाभ प्राप्त नही हो रहा है ।

उन क्षेत्रों में स्थापित होने वाली प्रसंस्करण इकाईयों एवं कोल्ड चेन निर्मित करने के लिये उदारतापूर्वक अनुदान दिये जाने की आवश्यकता है । इसी प्रकार के बस्तर में इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के क्रियान्वयन से सिंचाई एवं उर्जा क्षमता के विकास से बस्तर अन्चल के बड़े भाग का काया कल्प हो जायेगा।

इस परियोजना की स्थापना हेतु भी केन्द्र सरकार से सहायता अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी लिखा है कि वर्तमान में आकांक्षी जिलों (Aspirational Districts) को केन्द्र सरकार की ओर से पृथक से कोई आर्थिक अनुदान नहीं दिया जा रहा।

राज्य के बस्तर अन्चल के सातों जिले आकांक्षी जिलों के रूप में चिन्हांकित है। उचित होगा कि लोगों की आजीविका के साधनों के विकास हेतु कलेक्टरों को कम से कम 50-50 करोड़ रूपये की राशि प्रतिवर्ष दी जाये।

मुख्यमंत्री ने पत्र में केंद्रीय गृहमंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए लिखा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल समस्या के समाधान की दिशा में किये जा रहे प्रयासों के संबंध में 03 सितम्बर, 2020 को मेरे द्वारा लिखे गये पत्र के माध्यम से कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर आपका ध्यान आकर्षित किया गया था।

मुझे खुशी है कि तत्संबंध में आपके द्वारा संज्ञान लेते हुए छत्तीसगढ़ राज्य हेतु वर्ष 2018 में आबंटित की गई 07 अतिरिक्त सीआरपीएफ बटालियन में से तत्काल 05 बटालियन बस्तर क्षेत्र में तैनात किए जाने हेतु निर्देशित किया गया ।

मुझे यह भी ज्ञात हुआ है कि बस्तर क्षेत्र के युवाओं को राष्ट्रीय पटल पर देश सेवा एवं रोजगार के अवसर प्रदाय करने हेतु सेना की विशेष भर्ती रैली मार्च 2021 में बस्तर संभाग में आयोजित करने का विचार किया जा रहा है । निश्चित रूप से इन दोनों विषयों पर आपके द्वारा की गई पहल के माध्यम से नक्सल विरोधी अभियान में हमें निर्णायक बढ़त प्राप्त होगी ।

Exit mobile version